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तीन सालों में 28 निर्यातकों को विदेशों में फंसी पूंजी दिलाई

locationजोधपुरPublished: Aug 25, 2019 06:35:26 pm

Submitted by:

Amit Dave

– निर्यातकों की विदेशों में फंसी पूंजी लाने में मददगार बना इसीजीसी
– 80 प्रतिशत से ज्यादा एक्सपोर्टर क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन के क्लाइंट

तीन सालों में 28 निर्यातकों को विदेशों में फंसी पूंजी दिलाई

तीन सालों में 28 निर्यातकों को विदेशों में फंसी पूंजी दिलाई

जोधपुर।

विश्वव्यापी मंदी के दौर में हैण्डीक्राफ्ट निर्यातकों का एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (इसीजीसी ) पर भरोसा बढ़ा है। इसी का नतीता है इसीजीसी ने पिछले तीन सालों में 28 निर्यातकों को विदेशों में फंसे करोड़ों रुपए दिलाने में मदद की है। दरअसल कई मामलों में निर्यातकों को विदेशों में भेजे अपने भेजे हुए माल का पेमेंट नही मिल पाता । कभी कंपनी दिवालिया हो जाती है, तो कभी बायर किसी परिस्थिति के चलते भेजे हुए माल को लेने से इनकार कर देता है। ऐसे में निर्यातकों को अपना पैसा डूबता नजर आता है, लेकिन इसीजीसी से क्रेडिट गारंटी लेने के बाद निर्यातक निश्चित हो सकते हैं कि उनका पैसा डूबेगा नही।
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2003 में खुली जोधपुर ब्रांच

एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की जोधपुर में ब्रांच 2003 में खुली थी । उस समय इसके 30 क्लाइंट थे, जिनकी संख्या आज बढकर 500 से ज्यादा हो गई है। इसमें से करीब 80 प्रतिशत यानि 400 से ज्यादा हैण्डीक्राफ्ट निर्यातक है। केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अधीन 1957 में इसीजीसी की स्थापना हुई। जो देश के निर्यातकों को निर्यात क्रेडिट इंश्योरेंस और गारंटी सुविधा देता है।
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निर्यातकों की पंूजी सुरक्षित

ईसीजीसी की जोधपुर ब्रांच खुले हुए 16 साल हो गए है, पर पिछले 4 सालों में इसीजीसी पर भरोसा बढ़ा है। इससे जोधपुर के हैण्डीक्राफ्ट निर्यातकों की पंूजी सुरक्षित हो गई है । बायर कंपनी दिवालिया होने की स्थिति में पॉलिसी के अनुसार 80 से 90 प्रतिशत तक भुगतान किया जाता है । माल स्वीकार नहीं करने या तो माल को वहीं सस्ता बेचने की सलाह दी जाती है और नुकसान इसीजीसी वहन करती है या फि र लौटाने का सारा खर्चा दिया जाता है ।
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इसीजीसी बायर्स की गारंटी देता है

माल निर्यात करते समय बायर कई बार पेमेंट नहीं कर पाते । ऐसे में निर्यातकों को अपना पेमेंट लेने में काफी परेशानी होती है। यदि बायर भेजा हुआ माल नहीं लेता है, तो उसे लौटाना भी काफ ी खर्चीला होता है । जनरल इंश्योरेंस भी कमोडिटी बीमा करता है लेकिन वह कमोडिटी के फि जिकल लॉस से संबंधित होता है । माल बेचने के बाद पेमेंट नहीं आना या कन्साइनमेंट पूरा नहीं होने पर जनरल इंश्योरेंस की कोई जिम्मेदारी नहीं होती। इसीजीसी निर्यातकों को बायर्स की गारंटी देता है ताकि ऐसी स्थिति में निर्यातकों का पैसा नही रूके ।
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पिछले तीन वर्षो की स्थिति

वर्ष—- निर्यातक—- राशि दिलाई

2016-17—11—– 1.58 करोड रुपए

2017-18—09—- 1.49 करोड रुपए

2018-19—08—- 72.50 लाख रुपए

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