त्वरित निर्णय और सहयोग की आतुरता से पाया मुकाम
- एंटरप्रेन्योर और परिवार को संभालने का उदाहरण सरला मूंदड़ा

जोधपुर. श्रीकृष्ण गु्रप किसी परिचय का मोहताज नहीं। लेकिन इसके सफलता के पीछे एक औरत की कहानी भी छुपी है। त्वरित निर्णय लेने और सहयोग की आतुरता ही इस मुकाम तक पहुंचने की चाबी है। महिला डायरेक्टर होने के साथ परिवार का जिम्मा भी बखूबी संभालती है। यह हैं सरला मंूदड़ा।
बतौर डायरेक्टर पति राजीव मूंदड़ा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पुरुष के साथ कंपनी को नए सोपान तक पहुंचा रही है। व्यापार के साथ समाजसेवा में भी अपना योगदान देती हैं। गरीब व पीडि़त वर्ग को हमेशा से ही सहयोग देकर उनको पैरों पर खड़ा करने के लिए सराहनीय प्रयास रहता है। सरला बताती हैं कि कोई भी काम मुश्किल नहीं, यदि ठान लें। यदि हम किसी का सहयोग करेंगे तभी सामने वाला भी सहयोग के लिए हाथ बढ़ाएगा और ऐसे ही समाज को नई दिशा दे सकते हैं। सरला कई सामाजिक संगठनों से भी जुड़ी हैं और जरूरतमंदों तक मदद भी पहुंचाती है। महिला उद्यमशिलता को बढ़ावा देने की सोच भी रखती हैं। अपनी कंपनी श्रीकृष्णा को नए सोपान तक पहुंचा रही है।
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