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आ गया मजा, मौसम सुहाना, भीगी भीगी फिजा

locationजोधपुरPublished: Jul 28, 2019 10:03:00 pm

ताजी हवा का झोंका, एक प्यारा सा अहसास
 

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आ गया मजा, मौसम सुहाना, भीगी भीगी फिजा

जोधपुर. ब्लूसिटी की भीगी-भीगी फिजा ने रविवार को शहरवासियों को सावन का प्यारा सा अहसास दिया। सन-डे और फिर गुडमॉर्निंग करती बारिश की बूंदे…क्या कहना। यह दीगर बात है कि पानी के भराव से कई जगह परेशानियां हुई लेकिन लम्बे समय का इंतजार आखिर खत्म हुआ। बूंदों के साथ बलखाती शाम और चांदनी रात तक खुशी का माहौल रहा। मंडोर, पब्लिक पार्क, शास्त्री सर्किल, नेहरू पार्क, मेहरानगढ़ दुर्ग, जसवंत थड़ा, अशोक उद्यान, अरना झरना, कायलाना, दईजर,कदंबखंडी या भीम भड़क या कोई और जगह, शहरवासी खूब घूमे।
रेन एंड लव
भीगी-भीगी मधुर संगीत सी रिमझिम के संग मीठी ठंडी बयार सभी के मन बहुत सुहा रही है। उजली हो या धुंधली, सुबह सुहानी शाम खुशनुमा लगती है।

सीजनल हार्ट बीट लाइवइस मौसम में लव बडर्स, लव कपल के लिए बारिश में ताजा महकते हुए फूलों के बीच रोमांस की बात ही कुछ और है। बारिश के नगमे देखे और सुने जा रहे हैं। इसी तरह मोबाइल व्हाट्स एप व फेसबुक बारिश के मधुर संदेश कहने व सुनने पढऩे के प्रति क्रेज नजर आ रहा है। साहित्य और फिल्मों में तो बारिश के साथ प्रेम की जुगलबंदी मशहूर है। गीतकारों ने भी इसकी अभिव्यक्ति की है।
बारिश आंतरिक परिवर्तन करती है
वर्षा उत्साह व उमंग भरी ऋ तु है। जिसका हर उम्र के लोग उत्सुकता से इंतजार करते हैं। बारिश का मौसम आते ही मानसिक अवस्था में परिवर्तन होने लगता है। वर्षा ही एक ऐसी ऋतु है जो मानव शरीर में तत्काल आंतरिक परिवर्तन करती है। वर्षा से विभिन्न प्रकार के संवेग उत्पन्न होते हैं, जो हर उम्र विशेषकर युवा अवस्था में अपना अलग-अलग प्रभाव डालते हैं। पिकनिक या सैर पर जाना, वर्षा के मन पर पडऩे वाले प्रभाव का उदाहरण है। व्यक्ति अगर इस मौसम का आनंद लेने का मन बना ले तो तनाव, चिंता व डिप्रेशन आदि से बच सकता है। सुनहरी यादें संजो सकता है, जो उसके मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।
-डा. मनीषा जैन
मनोवैज्ञानिक

कॉन्फिडेंस जगाती है बारिश
बारिश में कागज की नाव, मिट्टी के घर व मिट्टी के लड्डू आदि खेल बच्चों में आत्मविश्वास और सोशल डवलपमेंट विकसित करते हैं। जिसे वर्तमान समय में कम देखा गया है।
– डॉ. नीता जैन
मनोवैज्ञानिक

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