प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए गत वर्ष विद्या संबल योजना शुरू की गई थी। योजना के तहत जिन राजकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी थी, वहां गेस्ट फैकल्टी के तौर पर शिक्षक लगाए गए। ऐसे शिक्षकों को प्रति कालांश 800 रुपए और अधिकतम एक महीने में 45 हजार रुपए का भुगतान किया गया। इससे गत 2 वर्षों में नए खुले 100 से अधिक महाविद्यालयों में शिक्षकों की कुछ कमी दूर हुई। वर्तमान में कॉलेज शिक्षा के कुछ विषयों में चल रही भर्ती प्रक्रिया के परीक्षा परिणाम आने शुरू हो गए हैं। इससे आगामी जुलाई तक नए शिक्षकों की स्थाई भर्ती होने की उम्मीद है।
संविदा पर रखने की मांग हाल ही में जोधपुर आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सर्किट हाउस में विद्या संबंधी योजना के अंतर्गत लगे शिक्षकों ने मुलाकात कर योजना को आगे बढ़ाने की मांग की। राजनीति विज्ञान के सहायक आचार्य डॉ योगेश कुमार देशवा ने संविदा नियमावली 2022 में इस योजना को शामिल करने का निवेदन किया। गहलोत ने शिक्षकों को सकारात्मक उत्तर दिया।
------------- - 300 से अधिक राजकीय महाविद्यालय है प्रदेश में - 6000 से अधिक व्याख्याताओं के पद सृजित है - 3500 करीब व्याख्याता ही वर्तमान में है पदस्थापित - 2000 से अधिक शिक्षकों के पद है खाली
- 125 से अधिक महाविद्यालय खोले गए हैं गत तीन वर्षों में