scriptसलमान केस में नहीं झुके, पर विकास के वादों के हुए ‘शिकार’, काले हिरण केस से चर्चा में रहे जोधपुर के कांकाणी इलाके का हाल | Rajasthan Election 2018: Salman Khan Black Buck Case | Patrika News

सलमान केस में नहीं झुके, पर विकास के वादों के हुए ‘शिकार’, काले हिरण केस से चर्चा में रहे जोधपुर के कांकाणी इलाके का हाल

locationजोधपुरPublished: Dec 03, 2018 03:35:04 pm

Submitted by:

dinesh

Rajasthan Election 2018: लूणी सीट: कृष्ण-मृगों की स्थली, दो नदियां..फिर भी ‘मृग-तृष्णा’…

Pyase Kale Hiran
लूणी विधानसभा क्षेत्र
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कृष्ण-मृगों की स्थली,दो नदियां..फिर भी ‘मृग-तृष्णा’…!

– सलमान खान शिकार मामले से चर्चा में आया लूणी विधानसभा क्षेत्र का कांकाणी गांव
– लूणी विधानसभा क्षेत्र में लूणी और जोजरी नदी में प्रदुषण और अवैध बजरी खनन
– लूणी विधानसभा सीट का प्रमुख मुद्दा – पानी की समस्या,अवैध खनन वन्यजीव संरक्षण
– इस बार आरएलपी,बसपा ने मुकाबला चतुष्कोणिय बनाया
– विशाल सूर्यकांत

कांकाणी। ये वहीं गांव है जो सलमान खान के हरिण शिकार मामले से सुर्खियों में आया था। यहां दशकों से आम लोग और हरिणों की जिंदगी साथ-साथ चलती आई है। हरिणों की रक्षा और उनकी देखभाल यहां के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा है। 1998 में एक और दो अक्टूबर की दरमियानी रात, सलमान खान पर दो काले हिरणों के शिकार के आरोप लगे। हरिण शिकार से जुड़े पांच मामले सलमान पर थे, चार मामलों में वो सीजेएम कोर्ट से बरी है लेकिन कांकाणी हरिण शिकार का ही इकलौता मामला है जिसमें पांच अप्रेल को पांच साल की सजा सुनाई गई है। मौजूदा स्थिति ये है कि सत्र न्यायालय में अपील हुई है। करीब पांच लाख 40 हजार से ज्यादा जनसंख्या वाले लूणी विधानसभा क्षेत्र में करीब तीन सौ घरों की आबादी वाला कांकाणी गांव, दो हिस्से साफ नजर आता है। एक बस्ती जम्भेश्वर नगर है जहां करीब डेढ़ सौ घरों में विश्नोई बहुल है और बाकी हिस्से में अन्य वर्गों की बसाहट है। कांकाणी गांव में चुनावी माहौल को जानने निकले तो सेवाराम से मुलाकात हुई। सलमान खान शिकार मामले में प्रमुख गवाह सेवाराम कहते हैं कि उस घटना के बाद कई दबाव आए, मगर वे नहीं टूटे लेकिन अब विकास के मुद्दे पर कमर टूटी जा रही है। जिस हरिण को बचाने के लिए आज तक जान जोखिम में डाले हुए हैं। उसी क्षेत्र में अब शिकार तो नहीं हो रहा लेकिन प्रशासन की लापरवाही और पेयजल की कमी से काले हिरण सीमित हो रहे हैं। इंसान और जानवर यहां साथ-साथ चलते हैं लेकिन कई हिस्सों में पानी की कमी ने दोनों को दोराहे पर ला खड़ा होने पर कर रखा है। जब शिकार मामला सामने आया। उस वक्त हरिणों के संरक्षण और संवंर्द्धन के लिए कई काम शुरू हुए थे। यहां शिकार तो अब नहीं होता। काले हिरण की ख़ास बात ये है कि वो वक़्त और हालात बदलने के मुताबिक ख़ुद को बदलना सीख गए हैं। इसीलिए इंसानी आबादी के बीच रहने में कोई समस्या नहीं। लेकिन खेतों में तारबंदी में फंसने और कुत्तों के शिकार बनाने के अलावा सड़क दुर्घटनाओं और प्राकृतिक आपदाओं में मौत के मामले बढ़ते रहे हैं। जिन इलाकों में पानी नहीं है। वहां इन वन्यजीवों को भी अभावों में जीना पड़ रहा है।
लूणी विधानसभा क्षेत्र में दो नदियों का वजूद है। लूणी नदी और जोजरी नदी। दोनों नदियों में पानी की कमी,प्रदुषण और अवैध बजरी खनन गंभीर समस्या बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट की रोक है लेकिन यहां के रामूराम चौधरी कहते हैं कि साहब, शाम होते ही आपको ट्रकों में भर कर बजरी ले जाते हुए दिखा देंगे। कई बार पुलिस वालों को कहा,प्रशासन को कहा। सब मिलीभगत का खेल चल रहा है। अवैध खनन होने से काले हिरण भी आबादी इलाकों की तरफ ही ज्यादा आने लगे हैं। वहां गाड़ियों की आवाजाही से हरिणों को भी खतरा लगता है। लूणी और जोजरी दोनों नदियों में पानी नहीं तो बजरी माफिया बेलगाम हो रहा है।
कांकाणी गांव में जम्भेश्वर नगर के बुजुर्ग घेवरराम देवासी कहते हैं कि हमारे क्षेत्र में साफ पानी नहीं है। हैंडपंपों में खारा पानी आता है इसे पीकर हमारे गायें और पशु असमय मर रहे हैं। गांव के हीराराम विश्नोई कहते हैं कि यहां न पानी है और अपनी जमीन का हक अब तक मिला है। दरअसल, 1979 में लूणी और जोजरी नदी में बाढ़ आई तो करीब 100 घरों के लोग एक छोर से दूसरे छोर पर आ बसा। जब 2007 में जोधपुर विकास प्राधिकरण बना तब प्रशासन ने नहीं बताया कि जहां लोग बसे हैं वो गोचर,ओरण की जमीन है। अब स्थिति ये है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं। पट्टे नहीं मिल सकते। मकानों के पट्टे नहीं तो शौचालय और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ कांकाणी के कुछ क्षेत्रों में नहीं पहुंचा है। जब हम आकर बसे तब प्रशासन चेता नहीं अब रीको एरिया और जोधपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के आए दिन चक्कर लगते हैं। सवा सौ घरों की आबादी परेशान है कि सालों से बसे हैं अब जाए कहां…। हमारी कोई सुनवाई नहीं होती। बाबूराम सेन कहते हैं कि रोजगार के नाम पर लूणी के युवा जोधपुर में इंटरव्यू देने में ही लगे रहते हैं। काम मिल जाए तो ठीक नहीं तो खेती-किसानी में छोटा-मोटा काम मिल जाता है, उसी से कमाई होती है।

लूणी विधानसभा सीट की राजनीतिक परिस्थितियों की बात करें तो कांग्रेस यहां के कद्दावर नेता रामसिंह विश्नोई की जमी-जमाई बिसात पर चलती आई है। राम सिंह विश्नोई के बाद मलखान सिंह विश्नोई विधायक बने। भंवरी देवी मामले में मलखान सिंह का राजनीतिक सफर रुका तो रामसिंह विश्नोई की बुजुर्ग पत्नी अमरी देवी को उम्मीदवार बनाया गया था। इस बार रामसिंह विश्नोई के पोते महेन्द्र सिंह विश्नोई को प्रत्याशी बनाया गया है। दूसरी ओर बीजेपी ने अपने मौजूदा विधायक जोगाराम पटेल को चुनावी मैदान में उतारा है। वो अमरी देवी को पराजित कर सीट निकाल लाए थे। इसीलिए बीजेपी ने उन पर अपना विश्वास पिर से जताया है। लेकिन राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से भंवर लाल और बसपा से प्रभू सिंह उर्फ पप्पू सिंह ने मुकाबले को चतुष्कोणिय कर रखा है।
लेकिन मुख्य रूप चुनावी धूरी पर कांग्रेस और बीजेपी ही खड़े हैं। पानी और अवैध खनन और किसानों के लिए बीज यहां बड़ा मुद्दा बना हुआ है। जोगाराम पटेल इस मुद्दे पर लगातार काम होने की बात कह रहे हैं। उन्हें अपने कार्यकाल में विकास के मुद्दों पर जवाब देना है। वहीं कांग्रेस की ओर से महेन्द्र सिंह विश्नोई नया चेहरा है और रामसिंह विश्नोई की राजनीतिक विरासत उनके साथ चल रही है। जो भावनात्मक रूप से विश्नोई समुदाय को जोड़ेगी। लेकिन बाकी वर्गों में स्वीकार्यता कितनी है और कितनी वोटों में तब्दील हो पाएगी। ये लूणी की जनता सात दिसम्बर को तय करेगी। लेकिन इन परिस्थितियों के चलते लूणी विधानसभा का चुनाव दिलचस्प मोड पर आ चुका है।
शिकार मामले के बाद ये उठाए थे कदम
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.जोधपुर जिले में 17 रेस्क्यू सेंटर्स खोले गए
. प्रशासनिक ढांचे में बदलाव हुआ, शिकार की घटनाएं कम हुई
.खेतों की तारबंदी और कुत्तों के हमलों में ब्लैक बग की मौत के मामले बढ़े
.पांच साल पहले बनने वाला सबसे बड़ा रेस्क्यू सेंटर अब तक नहीं बना

कांकणी गांव की प्रमुख समस्याएं
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. जम्भेश्वर नगर समेत कई क्षेत्रों में पेयजल संकट
.खराब सड़क
.लूणी में अवैध बजरी खनन
.जोजरी नदीं का प्रदुषण


लूणी विधानसभा सीट जनसंख्या और मतदाता
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विधानसभा क्षेत्र की जनसंख्या- 540556
.महिला- 259540, पुरुष- 281216

.विधानसभा में कुल मतदाता-2,90608
.पुरुष -1,53733, महिला-1,36875
.नए मतदाताओं की संख्या – 18 हजार


लूणी विधानसभा क्षेत्र के जातिगत समीकरण
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जाट- 45 हजार
पटेल- 40 हजार,
राजपूत- 22 हजार
विश्रोई- 21 हजार
एसटी व एससी- 55 हजार,
माली-11 हजार
प्रजापति-12 हजार
ब्राह्मण-9 हजार

सलमान हरिण शिकार मामले में कानूनी स्थिति
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1. कांकाणी गांव केस:
इस मामले में अदालत ने सलमान को दोषी करार दिया है । 5 अप्रेल 2018 को 5 साल की सजा दी थी, इस मामले में सलमान ने सत्र न्यायालय में अपील कर रखी है।
2. घोड़ा फार्म हाउस केस:
10 अप्रैल 2006 को सीजेएम कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई थी. सलमान हाईकोर्ट गए. 25 जुलाई 2016 को उन्हें बरी कर दिया गया. राज्य सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की.
3. भवाद गांव केस:
सीजेएम कोर्ट ने 17 फरवरी 2006 को सलमान को दोषी करार दिया और एक साल की सजा सुनाई. हाईकोर्ट ने इस मामले में भी सलमान को बरी कर दिया है. राज्य सरकार ने फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है.
4. आर्म्स केस:
18 जनवरी 2017 को कोर्ट ने सलमान को बरी कर दिया था. राज्य सरकार ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की है.

इस समय जिला एवं सत्र न्यायालय जोधपुर जिला में सलमान मामले की दो अपीलों पर सुनवाई चल रही है।
– 25 अगस्त को सलमान फिर सेंट्रल जेल की सलाखों में आ गया। -31 अगस्त को रिहा हुआ। सलमान अब तक 13 दिन सलाखों में रह चुका है।

लूणी विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास
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2013 – भाजपा के जोगाराम पटेल को 96386 वोट – कांग्रेस की अमरीदेवी विश्रोई को 60446
2008 – कांग्रेस के मलखानसिंह विश्रोई को 63316 व भाजपा जोगाराम को 47817
2003- कांग्रेस के रामसिंह विश्रोई को 37574 व जोगाराम पटेल को 36218

लूणी विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवार

.कांग्रेस- महेन्द्र सिंह विश्नोई- राम सिंह विश्नोई के पोते,
.बीजेपी- जोगाराम पटेल, वर्तमान विधायक
.आरएलपी- भंवर लाल
. बसपा- प्रभू सिंह उर्फ पप्पू सिंह


ये कहते हैं उम्मीदवार
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जोगाराम पटेल –
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नदियों में प्रदुषण की समस्या है। इसके लिए ट्रीटमेंट प्लान्ट लगा रखे हैं। एक प्लान्ट शुरू हो चुका है। अवैध बजरी खनन की शिकायतें मिलते ही रोकने के प्रयास होते हैं। गोचर और ओरण की जमीन पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हैं। इसीलिए उन्हें पट्टे नहीं दिए जा सकते। पानी की समस्या को दूर करने के लिए भाखड़ा नांगल का पानी लाया गया है। किसानों को खाद-बीज उपलब्ध करवाना। वन्यजीवों का शिकार अब नहीं हो रहा। काले हरिणों की सुरक्षा और सुविधा दोनों का ध्यान रखा है।

महेन्द्र सिंह विश्नोई
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बीजेपी के शासन में अवैध खनन,क्रेशर के मामले बहुत बढ़े हैं। लूणी विधानसभा क्षेत्र और खासकर कांकाणी गांव में पानी की समस्या बनी हुई है। काले हरिण हमारी पहचान है लेकिन इस क्षेत्र को पर्यटकों को दिखाना चाहिए। ये सरकार और मौजूदा विधायक ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया और न ही वन्यजीव संरक्षण की दिशा में काम हुआ है।
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