चिकित्सा, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण सेवाएं ने प्रत्येक माह के तीसरे बुधवार को नसबंदी वार बना रखा है। इसके लिए बड़े चिकित्सा संस्थानों को पुरुष नसबंदी दिवस तक मनाने को कहा गया है। जबकि कई संबंधित चिकित्सा संस्थान इसका बराबर प्रचार-प्रसार तक नहीं कर रहे है।
जिले का नाम – प्रगति
जयपुर – 50
जोधपुर – 01
बाड़मेर – 00
जैसलमेर – 00
बीकानेर – 32
कोटा – 19
बूंदी – 00
डूंगरपुर – 00
गंगानगर – 00
करौली – 00
पाली – 00
उदयपुर – 42
(ये रिपोर्ट 24 अप्रेल 2019 से 15 जनवरी 2020 तक की है।)
महिलाओं की तुलना में पुरुषों का नसबंदी कराने का प्रतिशत दस प्रतिशत से भी कम है। जानकार बताते हैं कि ज्यादातर पुरुष नसबंदी कराने से घबराते है। उन्हें लगता है कि उनके शरीर के अंगों पर प्रभाव पड़ेगा। कई पुरुष तो प्लानिंग हो जाने के बावजूद ऑपरेशन कराने से ऐनवक्त पर मना कर देते हैं। ऐसा कई बार ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों के साथ हुआ है। पुरुषों को नसबंदी कराने लाना चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बन गया है।
पुरुष नसबंदी में कम अचीवमेंट लाने वाले संस्थानों को प्रचार-प्रसार करने की जरूरत है। इसके लिए निर्देश देंगे कि ज्यादा से ज्यादा पुरुषों को नसबंदी में प्रेरित कर भागीदार बनाएं। इसमें पुरुषों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आती है।
– डॉ. युद्धवीरसिंह राठौड़, संयुक्त निदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं