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राजस्थान में 10 माह में सिर्फ 286 पुरुषों ने करवाई नसबंदी, टार्गेट अचीव करने में स्वास्थ्य विभाग के छूट रहे पसीने

locationजोधपुरPublished: Feb 20, 2020 03:06:05 pm

Submitted by:

Harshwardhan bhati

स्वास्थ्य विभाग के परिवार कल्याण कार्यक्रम में नसबंदी में ज्यादातर रुचि महिलाएं दिखा रही हैं। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार गत एक अप्रेल से जनवरी के एक पखवाड़े तक महज 286 पुरुषों ने ही अपनी नसबंदी कराई।

rajasthan health department is not able to achieve target of vasectomy

राजस्थान में 10 माह में सिर्फ 286 पुरुषों ने करवाई नसबंदी, टार्गेट अचीव करने में स्वास्थ्य विभाग के छूट रहे पसीने

अभिषेक बिस्सा/जोधपुर. महिलाओं की तुलना पुरुषों की नसबंदी कराने के मामले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को पसीने छूट रहे हैं। प्रदेश के कई जिले टारगेट पूरा नहीं कर पा रहे हैं। कई जिले तो पिछले 10 माह में एक भी पुरुष की नसबंदी नहीं करवा सके। स्वास्थ्य विभाग के परिवार कल्याण कार्यक्रम में नसबंदी में ज्यादातर रुचि महिलाएं दिखा रही हैं। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार गत एक अप्रेल से जनवरी के एक पखवाड़े तक महज 286 पुरुषों ने ही अपनी नसबंदी कराई।
तीसरे बुधवार को बना रखा है पुरुष नसबंदी वार
चिकित्सा, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण सेवाएं ने प्रत्येक माह के तीसरे बुधवार को नसबंदी वार बना रखा है। इसके लिए बड़े चिकित्सा संस्थानों को पुरुष नसबंदी दिवस तक मनाने को कहा गया है। जबकि कई संबंधित चिकित्सा संस्थान इसका बराबर प्रचार-प्रसार तक नहीं कर रहे है।
कुछ जिलों की जानिए प्रगति रिपोर्ट
जिले का नाम – प्रगति
जयपुर – 50
जोधपुर – 01
बाड़मेर – 00
जैसलमेर – 00
बीकानेर – 32
कोटा – 19
बूंदी – 00
डूंगरपुर – 00
गंगानगर – 00
करौली – 00
पाली – 00
उदयपुर – 42
(ये रिपोर्ट 24 अप्रेल 2019 से 15 जनवरी 2020 तक की है।)
‘मर्द’ नहीं झेल पा रहे ‘दर्द’
महिलाओं की तुलना में पुरुषों का नसबंदी कराने का प्रतिशत दस प्रतिशत से भी कम है। जानकार बताते हैं कि ज्यादातर पुरुष नसबंदी कराने से घबराते है। उन्हें लगता है कि उनके शरीर के अंगों पर प्रभाव पड़ेगा। कई पुरुष तो प्लानिंग हो जाने के बावजूद ऑपरेशन कराने से ऐनवक्त पर मना कर देते हैं। ऐसा कई बार ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों के साथ हुआ है। पुरुषों को नसबंदी कराने लाना चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बन गया है।
इनका कहना
पुरुष नसबंदी में कम अचीवमेंट लाने वाले संस्थानों को प्रचार-प्रसार करने की जरूरत है। इसके लिए निर्देश देंगे कि ज्यादा से ज्यादा पुरुषों को नसबंदी में प्रेरित कर भागीदार बनाएं। इसमें पुरुषों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आती है।
– डॉ. युद्धवीरसिंह राठौड़, संयुक्त निदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं
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