scriptबजट 2016: ऑटो इंडस्ट्री को मिल सकता है टैक्स बेनिफिट  | Budget 2016: Modi Govt gives Tax benifit to Auto Industry in Upcoming budget | Patrika News
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बजट 2016: ऑटो इंडस्ट्री को मिल सकता है टैक्स बेनिफिट 

मोदी सरकार 29 फरवरी को पेश होने वाले बजट में वाहन उद्योग को अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) पर किए गए खर्च पर कर (टैक्स) में रियायत का तोहफा दे सकती है।

जोधपुरFeb 10, 2016 / 05:33 pm

मोदी सरकार 29 फरवरी को पेश होने वाले बजट में वाहन उद्योग को अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) पर किए गए खर्च पर कर (टैक्स) में रियायत का तोहफा दे सकती है। सरकार तथा वाहन उद्योग द्वारा मिलकर तैयार किए गए ‘ऑटोमोटिव मिशन प्लान 2026’ में देश के सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) में इस उद्योग की भागीदारी वर्ष 2026 तक बढ़ाकर 12 प्रतिशत से ज्यादा करने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही अगले 10 साल में इस क्षेत्र में साढ़े छह करोड़ अतिरिक्त रोजगार मिलने की भी उम्मीद है। 

टैक्स छूट देकर सकंट से बचाएगी सरकार
ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था के लिए इस उद्योग का विकास काफी मायने रखता है। वाहनों के उत्सर्जन के लिए वर्तमान में लागू भारत स्टेज (बीएस)-4 मानक से सीधे बीएस-6 मानक पर जाने के सरकार के फैसले के बाद इस उद्योग पर अपनी अनुसंधान की रफ्तार बढ़ाने का दबाव बढ़ गया है। ऐसे में सरकार बजट में आरएंडडी पर होने वाले खर्च में कर पर रियायत देकर इस उद्योग को संभावित संकट से बचाने के प्रयास में है।


गडकरी वित्त मंत्री अरुण जेटसी से करेंगे बात
सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले दिनों इसके संकेत देते हुए कहा था कि वह वाहन उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए बजट में कुछ स्कीम के पक्ष में हैं और इसके लिए वह स्वयं वित्त मंत्री से बात करेंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि 2020 से बीएस-6 लागू करने का मतलब यह नहीं है कि कंपनियां स्वदेशी तकनीक विकसित करने की बजाय वाहनों का आयात बढ़ा दें। वाहन उद्योग के सूत्रों ने बताया कि सीधे बीएस-6 लागू करने के बारे में सरकार से वाहन निर्माताओं की बात चुकी है और दोनों पक्षों में सहमति बन चुकी है। 


कर में रियायत मिलने की पूरी उम्मीद
गडकरी ने कहा कि बजट में वाहन उद्योग को आरएंडडी पर कर में रियायत मिलने की पूरी उम्मीद है। अनुसंधान में कर पर रियायत इस लिए भी प्रासंगिक है कि पहले वाहन निर्माता कंपनियां 2019 से बीएस-5 लागू करने के लिए उसी दिशा में आरएंडडी पर ध्यान दे रही थीं। लेकिन, अब एक ओर बीएस-5 पर किया गया उनका खर्च बेकार जाएगा, दूसरी ओर उन्हें नए सिरे से बीएस-6 के अनुसंधान पर खर्च करना होगा। हालांकि, वित्तीय सुदृढ़ीकरण के लक्ष्यों का सख्ती से पालन करने के लिए राजस्व संग्रह बढ़ाने के प्रति कृतसंकल्प वित्त मंत्री अरुण जेटली कितनी रियायत दे पाते हैं यह देखने वाली बात होगी। 



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