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हाईकोर्ट ने मंडोर उद्यान के कायाकल्प के प्रस्तावों की रिपोर्ट-ले आउट पेश करने के दिए निर्देश, पूछा कैसे संवरेगा उद्यान

locationजोधपुरPublished: Sep 18, 2019 10:16:24 am

Submitted by:

Harshwardhan bhati

राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को शहर के ऐतिहासिक मंडोर उद्यान के कायाकल्प के लिए 13 करोड़ रुपए के प्रस्तावों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट एवं ले-आउट पेश करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट बुधवार को दोपहर 2 बजे दुबारा इस मामले की सुनवाई करेगा।

rajasthan high court hearing on development of mandore garden

हाईकोर्ट ने मंडोर उद्यान के कायाकल्प के प्रस्तावों की रिपोर्ट-ले आउट पेश करने के दिए निर्देश, पूछा कैसे संवरेगा उद्यान

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को शहर के ऐतिहासिक मंडोर उद्यान के कायाकल्प के लिए 13 करोड़ रुपए के प्रस्तावों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट एवं ले-आउट पेश करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट बुधवार को दोपहर 2 बजे दुबारा इस मामले की सुनवाई करेगा।
वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा तथा न्यायाधीश विनित कुमार माथुर की खंडपीठ मेंं याचिकाकर्ता रणछोड़ सिंह परिहार द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिक्ता करणसिंह राजपुरोहित व सहयोगी रजत अरोड़ा ने कोर्ट के पूर्ववर्ती आदेश की पालना में 13 करोड़ के खर्च से करवाए जाने वाले कार्यों का ब्यौरा पेश किया, जिस पर खंडपीठ ने कहा कि खर्च का तखमीना नहीं बल्कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट व ग्राउंड वर्क समझने के लिए उसे मंडोर उद्यान के ले-आउट पर दर्शाते हुए पेश करें।
याची के अधिवक्ता राजवेंद्र सारस्वत ने कोर्ट को बताया कि मंडोर उद्यान में पुरा महत्व के स्मारक हैं, उनके संरक्षण व मूल स्वरूप पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 5 सितंबर को मंडोर उद्यान में विकास एवं रखरखाव कार्यों के लिए 13 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी की थी।
एयरपोर्ट पर हवाई सेवाओं का विस्तार: सीआइएसएफ को पक्षकार बनाने के निर्देश
जोधपुर एयरपोर्ट पर यात्री विमानों में संभावित बढ़ोतरी देखते हुए सुरक्षा इंतजामों के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) की नफरी व वर्किंग टाइम में अपेक्षित विस्तार की जरूरत है। राजस्थान हाईकोर्ट ने हवाई सेवा मेें विस्तार को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान यह तथ्य सामने आने पर सीआइएसएफ को पक्षकार बनाने के प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया।
वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा तथा न्यायाधीश विनित कुमार माथुर की खंडपीठ में याचिकाकर्ता लिब्रा इंडिया की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान याची के अधिवक्ता अंकुर माथुर ने एक प्रार्थना पत्र पेश करते हुए कोर्ट को बताया कि ऐसा जानकारी में आया है कि कुछ एयरलाइंस कंपनियां अलसुबह और रात में विमान सेवाएं संचालित करना चाहती है, लेकिन इसके लिए सीआइएसएफ की सीमित नफरी व वर्किंग टाइम आड़े आ रहा है। एयरपोर्ट पर सुविधाओं के विस्तार तथा अपेक्षित सुरक्षा इंतजामों के लिए सीआइएसएफ की भूमिका बढ़ाने की जरूरत है।
सीआइएसएफ के डायरेक्टर जनरल तथा चीफ एयरपोर्ट सिक्यूरिटी ऑफिसर को पक्षकार बनाने के प्रार्थना पत्र पर खंडपीठ ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता दिलीप कावडिय़ा को नोटिस स्वीकार करने के निर्देश दिए। माथुर ने कोर्ट को बताया कि एयरपोर्ट पर भी चैकिंग काउंटर एवं ऑपरेशनल व्यवस्थाएं बढ़ाने की आवश्यकता रहेगी। सुनवाई के दौरान एयरलाइंस कंपनियों द्वारा अपने प्रस्तावों की जानकारी दी गई। खंडपीठ ने अगली सुनवाई 27 सितंबर को मुकर्रर की है।
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