जस्टिस मेहता ने यह भी कहा कि किसी भी घटना का पूर्वानुमान लगा कर किसी पर आरोप लगाने से अपराध कैसे बन सकता है। शिकायतकर्ताओं ने एक साल पहले ही अनुमान लगा लिया कि फिल्म में क्या होगा, जबकि बचाव पक्ष ने भी कहा था कि अभी फिल्म बनी नहीं है, बनने के बाद सेंसर भी होगी, यदि किसी तरह की गलत बात होगी तो हटा दी जाएगी।
पद्मावत फिल्म का राज्य में प्रदर्शन करने, फिल्म के निर्माताओं, कलाकारों और दर्शकों की हिफाजत करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी। फिल्म को सेंसर बोर्ड का प्रमाण पत्र मिल चुका है तथा सुप्रीम कोर्ट ने भी देशभर में फिल्म प्रदर्शित करने के आदेश दिए हैं।