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जोधपुर

मानवाधिकार आयोग ने पूछा-‘कौन खा गया मरीजों की दवाएं!’

Rajasthan Cooperative Dept
– सहकारी भण्डार प्रशासक से मांगा सभी मेडिकल स्टोर का 10 साल का लेखाजोखा

जोधपुरMay 15, 2018 / 09:54 pm

Gajendrasingh Dahiya

jodhpur
जोधपुर . राज्य मानवाधिकार आयोग ने जोधपुर उपभोक्ता होलसेल सहकारी भण्डार के दवा काउंटरों पर हो रहे गबन-घोटालों को गंभीरता से लेते हुए जिले में स्थित सभी 42 दवा काउंटरों का 10 साल का लेखाजोखा मांगा है। भण्डार प्रशासक को दस साल में किए गए भौतिक सत्यापन, फार्मासिस्टों पर की गई कार्यवाही, गबन के प्रकरण, दवाएं और चिकित्सकीय सामान की कमी और दवाइयों को खुर्दबुर्द करने सम्बंधी रिपोर्ट 12 जून तक आयोग कार्यालय में देनी है। आयोग ने राजस्थान पत्रिका के 13 मई के अंक में ‘40 लाख की दवा और किराणे के सामान का गोलमाल!’ शीर्षक से प्रकाशित समाचार पर प्रसंज्ञान लेकर परिवाद दर्ज किया है।
दस साल से फर्जी भौतिक सत्यापन

रेलवे स्टेशन स्थित राजीव गांधी सहकारी भवन में संचालित जोधपुर उपभोक्ता होलसेल सहकारी भण्डार के 42 मेडिकल स्टोर और 9 सुपर मार्केट में इस साल हुए भौतिक सत्यापन में 40 लाख की दवाइयां और किराणा कम मिला। ऐसा इसलिए हुआ कि पिछले दस वर्ष से मेडिकल स्टोर व सुपर मार्केट के भौतिक सत्यापन में फर्जीवाड़ा हो रहा था। इंस्पेक्टर दवाइयों के दुकानों पर जाते और जो भी स्टॉक फार्मासिस्ट दिखाते, उस पर साइन कर देते थे। भण्डार इंस्पेक्टरों को अपनी आेर से न स्टॉक सूची उपलब्ध करवाता था और न ही लायबिलिटी सूची। गबन की जानकारी केवल ऑडिट रिपोर्ट में ही सामने आती थी।
7 साल में 2.37 करोड़ का गबन, अधिकांश आरोपी बरी

सहकारी भण्डार में सात साल में 2.37 करोड़ का गबन दर्ज हुआ। यह गबन 42 मेडिकल स्टोर के फार्मासिस्टों और 9 किराणा काउंटरों के सेल्समैनों ने किया। अधिकारियों ने सहकारिता एक्ट की गबन की धारा-57 में 49 मुकदमे दर्ज किए, लेकिन अधिकांश आरोप बरी हो गए।
सहकारिता कानून की आड़ में फर्जीवाड़े का खेल
सहकारिता अधिनियम की धारा-57 के मामले दर्ज होने के बाद उसकी सुनवाई अतिरिक्त रजिस्ट्रार करता है और वहां से सजा होने पर इसकी अपील अपीलीय रजिस्ट्रार कार्यालय में होती है। जोधपुर में दोनों अधिकारी बैठते हैं। भण्डार में चुनाव नहीं होने से अतिरिक्त रजिस्ट्रार वर्ष 2008 से भण्डार का प्रशासक (वर्तमान में अपीलीय रजिस्ट्रार प्रशासक है) भी है। एेसे में अतिरिक्त रजिस्ट्रार की स्थिति यह हो गई कि वह खुद ही प्रशासक के तौर पर एनजीओ के मार्फत फार्मासिस्टों व सेल्समैनों की नियुक्ति करता है। खुद ही उन्हें दुकानें अलॉट करता है और खुद ही मुकदमा दर्ज करवाकर अतिरिक्त रजिस्ट्रार के तौर पर सुनवाई भी करता है। यही कारण है कि अब तक फार्मासिस्ट विक्रम देथा को छोडक़र किसी के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।
42 में से 26 काउंटर घाटे में

सहकारी भण्डार के 42 में से 26 काउंटर घाटे में चल रहे हैं। इसका कारण यह है कि भण्डार के पास केवल 10 स्थाई फार्मासिस्ट हैं शेष एनजीओ के जरिए संविदा पर लगे हुए हैं। संविदा पर लगे फार्मासिस्टों को केवल 15 हजार रुपए मासिक वेतन मिलता है। आश्चर्यजनक यह है कि ये अपने अधीन 4-5 सेल्समैन रखकर उन्हें मेहनताना देते हैं। भण्डार के अधिकांश मालईदार काउंटर इन्हींं भाड़े के फार्मासिस्टों को दिए गए हैं।
धारा 57 में दर्ज मुकदमे
नाम गबन की राशि (लाख में)

1 ओम राठी, मनीष अरोड़ा रमणलाल- ४.१३
2 नरेंद्र चौधरी (बरी)- १४.३५

3 अमिताभ शर्मा (बरी)- ७.१५
4 अमिताभ शर्मा – ५.७५

5 पुरुषोतम बिस्सा (बरी)- ११.८७
6 नरपतसिंह राठौड़ – .०३
7 रुपाराम चौधरी- ०.७०
8 शिवनारायण तंवर- १.६७

9 राजेंद्र अग्रवाल- ०.३५
10 ओमप्रकाश राठी (बरी) – १.४६

11 किशनलाल परिहार- ०.०५
12 सुखाराम लोहार (बरी)- ०.२९

13 संतोष शर्मा- २.७६
14 ओम राठी (बरी)- ४.८१
15 सुधीर शाक्या (बरी)- २०.२७
16 सुधीर शाक्या व अमिताभ शर्मा – ४.८९

17 विक्रम देथा (एफआईआर)- ४७.३०
18 अमिताभ शर्मा- १.१७

19 रुपाराम- ०.५३
20 शिवनारायण तंवर- २.५५

21 केके शर्मा- ०.४३
22 जोनाराम चौधरी (बरी)- २.९०
23 देवेंद्र अमरावत, राहुल पाराशर (रजिस्ट्रार जयपुर ने दोषी माना, अतिरिक्त रजिस्ट्रार ने बरी किया)- १.४०
24 रमणलाल गहलोत- १६.७०

25 शिवनारायण तंवर व किशनलाल- २.४८
26 शिवनारायण तंवर (बरी)- १४.७८

27 सरोज गहलोत- ३.९०
28 आेम राठी (बरी)- २.१६
29 रमणलाल गहलोत (१० हजार की किश्तें)- १८.२९
30 केके शर्मा (१.५५ की वसूली)- १.७०

31 किशनलाल (४.३३ की वसूली)- ४.७५
32 शिवनारायण तंवर- ०.८१

33 डीपी शर्मा (बरी)- ५.२४
34 आरके सोनी (२५ हजार की किश्ते)- ११.४०
35 किशनलाल (बरी)- ३.१६
36 शिवनारायण तंवर(बरी)- ४.२७

37 रमणलाल गहलोत(बरी) – १.२४
38 रमणलाल – १.५९

39 ओम राठी- १.२६
40 सरोज गहलोत(बरी)- ०.८६

41 सुमेरसिंह(बरी)- १.१२
42 अरुण व्यास- १.१२

43 जयराजसिंह- ०.६४
44 सुमेरसिंह(बरी)- ०.६४
45 खेमसिंह गहलोत(बरी)- ०.६४
46 अरुण व्यास- ०.६४

47 अमिताभ शर्मा(बरी)- १.१२
48 खेमसिंह फार्मा- १.२१

49 मनीष अरोड़ा, रमण, आेम राठी- ४.१२

प्रशासक से रिपोर्ट मांगी है
‘सहकारी भण्डार के प्रशासक से मेडिकल स्टोर पर पिछले दस सालों से दवाइयों की कमी, भौतिक सत्यापन, फार्मासिस्टों के विरुद्ध की गई कार्यवाही सहित विभिन्न मुद्दों पर रिपोर्ट मांगी गई है। यह गंभीर बात है कि मरीजों को दवाइयां नहीं मिलती और भण्डार के दवा स्टोर पर गड़बडि़यां होती है।
प्रकाश टाटिया, अध्यक्ष, राज्य मानवाधिकार आयोग

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