राजस्थान में 70 प्रतिशत प्रोडक्शन
ग्वार फली से सीड और उससे ग्वार गम का पाउडर बनाया जाता है। पूरे देश में सबसे ज्यादा प्रोडक्शन राजस्थान में होता है। देश का 70 प्रतिशत ग्वार फली का प्रोडक्शन राजस्थान में, इसके बाद हरियाणा व गुजरात का नंबर आता है। अब जोधपुर में सीड व पाउडर बनाने की कुल 40 से 50 इंडस्ट्री ही बची है।
रोजगार 20 हजार से 3 हजार पर आया
जब ग्वारगम में बूम था तो 100 से ज्यादा नई इकाइयां खुली थी। तब इस सेक्टर में रोजगार भी 20 हजार को पार कर गया था। अब यह 3 से 5 हजार पर आया है। इसमें प्रत्यक्ष व परोक्ष दोनों रूप से रोजगार लेने वाले लोग शामिल है।
ऑयल ड्रिलिंग में उपयोग बंद होने से बड़ा असर
वर्ष 2012 के बाद अमरीका में ऑयल ड्रिलिंग में ग्वार पाउडर का उपयोग काफी कम हुआ। यही डिमांड में उछाल आने का सबसे बड़ा कारण था, इसके बाद लगातार भाव कम हुए और कई इकाइयां बंद होने लगी। अब पूरी तरह से ऑयल ड्रिलिंग में इसका उपयोग बंद है। इसके अलावा अन्य विकल्प आने से भी डिमांड कम हुई है। इस सेक्टर में होता है उपयोग
- मेडिसिन में ग्वार पाउडर का उपयाग होता है।
- विदेश में आइसक्रीम में कस्टर्ड पाउडर की जगह ग्वार पाउडर का उपयोग होता है।
- कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में उपयोग होता है।
- चॉकलेट और प्रिंटिंग तकनीक में भी उपयोग होता है।
फैक्ट फाइल
- 50 साल पुराना है जोधपुर में ग्वारगम उद्योग।
- 120 रुपए प्रति किलो है अभी ग्वार पाउडर का दाम।
- 12 साल पहले आई थी तेजी।
- 1000 रुपए प्रति किलो को पार कर गए थे भाव।
- 100 नई इकाइयां खुली थी।
- 20 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला था।
- 40 के करीब इकाइयां ही बची है अब।
- 3-5 हजार लोगों को ही मिल रहा रोजगार