ऐसा दावा किया गया कि फिल्म के निर्माण के समय अपीलार्थी ने ट्रेडमार्क पंजीकरण प्राप्त किया था और जिगरा के नाम से पंजीकरण प्रमाणपत्र भी प्राप्त किया था, जबकि प्रतिवादी का दावा था कि यह उसके अधिकारों को प्रभावित करने वाला ट्रेडमार्क उल्लंघन है। फिल्म की रिलीज की तारीख 11 अक्टूबर है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास बालिया और अधिवक्ता अभिलाषा बोड़ा ने कहा कि अपीलार्थी फिल्म का नाम देकर ट्रेडमार्क अधिनियम के तहत उल्लंघन करने के लिए वस्तुओं या सेवाओं में कोई व्यापार नहीं कर रहा है।
खंडपीठ ने कहा कि अपूरणीय हानि और सुविधा के संतुलन के तीन मानकों को ध्यान में रखते हुए प्रथम दृष्टया फिल्म का नाम वस्तुओं और सेवाओं के ट्रेडमार्क अधिकारों का उल्लंघन नहीं करेगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि कोई भी प्रकार का उल्लंघन किया जाता है, तो क्षति या मौद्रिक मुआवजे के रूप में उचित उपचार दिया जा सकता है, लेकिन इसके लिए अपीलार्थी को फिल्म की रिलीज न होने के कारण वित्तीय हानि नहीं पहुंचाई जा सकती है। अंतरिम उपाय के रूप में कोर्ट ने वाणिज्यिक न्यायालय संख्या 1 के आदेश के प्रभाव और संचालन को अगली तारीख तक स्थगित कर दिया है।