आंगनबाड़ी केन्द्र स्कूल नहीं जाने वाली 10 से 19 वर्ष की आयु की बालिकाओं तक आयरन फोलिक एसिड गोली नहीं पहुंचा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार बाड़मेर जिले ने गत पांच माह में 1.58 प्रतिशत लक्ष्य ही अर्जित किया। इसी तरह दौसा 1.75, झालावाड़ 1.3 व जोधपुर 4.81 प्रतिशत तक ही लक्ष्य अर्जित कर पाए। राजधानी जयपुर में 29.62 फीसदी टारगेट अचीव हुआ है। इसी तरह 6 माह से पांच साल तक के बच्चों को सिरप पिलाने में भी कई जिलों का ऐसा ही हाल रहा है। सरकारी स्कूलों में भी बच्चों को नीली व गुलाबी गोलियां बराबर नहीं दी जा रही है।
सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट अनुसार अजमेर, बारां, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, चितौडगढ़़, चूरू, प्रतापगढ़, राजसमंद, दौसा, डूंगरपुर, गंगानगर, हनुमानगढ़, जालोर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, करौली, नागौर, पाली, सीकर, सिरोही, टोंक, उदयपुर, जैसलमेर व कोटा का भी एनीमिया मुक्त राजस्थान कार्यक्रम को लेकर बुरा हाल है।
जहां कमियां हैं, उन्हें सुधारा जाएगा। इस बारे में रिपोर्ट पढऩे के बाद ही ज्यादा कुछ कह पाऊंगा।
– डॉ. बलवंत मंडा, सीएमएचओ, जोधपुर एनीमिया मुक्त राजस्थान कार्यक्रम के तहत नियमित रूप से प्रदेश भर में मॉनिटरिंग की जा रही है। यह तीन विभागों के सहयोग से चल रहा कार्यक्रम है। राजस्थान की स्थिति पर नजर रखने व सुधार के लिए मॉनिटरिंग की प्रक्रिया में यह पत्र लिखा गया है।
– डॉ वीके माथुर, निदेशक, जन स्वास्थ्य व आरसीएच