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जोधपुर में अभिभावकों ने किया अपने ही मासूमों के साथ एेसा खिलवाड़, सरकार भी रह गई दंग

locationबस्सीPublished: Jun 12, 2017 05:07:00 pm

जोधपुर में एक एेसा मामला सामने आया है, जिसमें खुद अभिभावकों ने अपने ही लाडलों के साथ एेसा खिलवाड़ किया जिसे जान कर आपको भी आश्चर्य होगा। इस मामले के सामने आने के बाद खुद सरकार भी दंग है। आप भी जानें क्या है पूरा प्रकरण…

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राजीव गांधी विद्यार्थी डिजीटल योजना अंतर्गत 2013-14 में कक्षा 8 में दूसरी से ग्यारहवीं रैंक लाने वाले दो लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को पीसी टेबलेट के लिए चैक दिए गए थे। प्रदेश भर में 1024 विद्यार्थियों ने किसी तरह का पीसी टैबलेट नहीं खरीदा। इन विद्यार्थियों के स्वघोषणा पत्र भी प्राप्त नहीं हुए। इस बात की पुष्टि एक सरकारी रिपोर्ट में हुई है। यहां तक कि प्रदेश के समस्त जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालयों से पीसी टैबलेट के संबंध में पूर्व में उपलब्ध व वर्तमान की सूचनाओं में भी अंतर आ रहा है। प्रधान महालेखाकार (सामान्य एवं सामाजिक क्षेत्र लेखा परीक्षा) ने वर्ष 2013-14 में टैबलेट पीसी के संबंध में ऑडिट आक्षेप लगाया है। इस मामले को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है।
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दरअसल, राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग के मार्फत सत्र 2013-14 में कक्षा आठवीं में 2 से 11वीं रैंक लाने वाले विद्यार्थियों को पीसी टैबलेट खरीदने के लिए चेक बांटे थे। स्कूल मैनेजमेंट कमेटियों को प्रति विद्यार्थी छह-छह हजार रुपए दिए गए थे, पीसी टैबलेट की खरीद के लिए योग्य विद्यार्थियों को चेक दिया गया था। हालांकि उस दौरान जोधपुर में यह भी बातें सामने आई थी कि विद्यार्थियों के अभिभावकों ने राशि अन्यत्र खर्च कर दी। इसी मामले में राजकोष में जमा कराई गई राशि का भी वितरित चेक से मिलान नहीं हो रहा है। स्वघोषणा पत्र प्रस्तुत करने वाले विद्यार्थियों की संख्या व जमा करवाए गए चेक की योग राशि में भी अंतर आ रहा है। राजकोष में जमा कराई राशि के चालान की प्रति भी संलग्न नहीं की गई है।
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इस संबंध में प्रदेश भर के उपनिदेशक प्रारंभिक को बीकानेर निदेशालय ने अधीनस्थ जिला शिक्षा अधिकारियों को व्यक्तिगत वार्ता कर संलग्न प्रमाण व प्रारूप में सहीं सूचनाएं मांगी गई हैं।
इन जिलों से यह गड़बड़

जोधपुर में पूर्व चेक वितरण और वर्तमान में चेक वितरण की संख्या में अंतर है। यही समस्या अजमेर, टोंक, चुरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, झुंझुनूं, धौलपुर, कोटा, बांरा, झालावाड़, सीकर, अलवर, नागौर, सिरोही व जैसलमेर जिले की है। इनमें से कुछ जगहों पर समेकित सूचना व प्रमाण पत्र में अंतर है।
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इन जिलों से नहीं आए विद्यार्थियों के स्वघोषणा पत्र

प्रदेश के कई जिलों में विद्यार्थियों ने पीसी टैबलेट क्रय करने के बाद स्कूल में स्वघोषणा पत्र जमा नहीं करवाया। वहीं श्रीगंगानगर 65, झुंझुंनू 5, बारां 33, झालावाड 35, पाली 17, बाड़मेर 119, जैसलमेर 10, संस्कृत शिक्षा विभाग 588 और टीएडी से 152 के स्वघोषणा पत्र नहीं आए।
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करीब तीन लाख बच्चों के लिए भेजी पीसी टेबलेट की राशि

राज्य सरकार 2013-14 में 2 लाख 93 हजार 664 बच्चों के लिए पीसी टेबलेट की राशि भेजी थी। जिनमें से पूर्व की सूचना के अनुसार 2 लाख 93 हजार 4 सौ 23 बच्चों को चेक वितरित किया गया। अब वर्तमान की सूचना में 2 लाख 93 हजार 252 विद्यार्थियों को चेक वितरित किए जाने की बात सामने आ रही है। इस घालमेल ने राज्य सरकार की परेशानी बढ़ा दी है। इनमें से 2 लाख 92 हजार 2 सौ 28 विद्यार्थियों ने स्वघोषणा पत्र प्रस्तुत कर दिया था।
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इनका कहना

इस मामले में जोधपुर से कोई बड़ी शिकायत नहीं है, एक मामले का हमने निबटारा कर दिया है। यहां सभी विद्यार्थियों के स्वघोषणा पत्र आ चुके हंै। – धर्मेन्द्र कुमार जोशी, डीईओ प्रारंभिक प्रथम

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