जेपी आंदोलन में निभाई भूमिका छात्र जीवन में अपनी लोकप्रियता के चलते ओझा ने जेपी आंदोलन के दौरान प्रदेश में आंदोलन का नेतृत्व किया था। राम जन्मभूमि आंदोलन में भी सक्रियता निभाई थी। 1973-75 तक छात्र राजनैतिक जीवन में भारत सरकार की ओर से उन्हें उत्तर रेलवे डिवीजन रेलवे यूजर्स सलाहकार समिति का सदस्य मनोनीत किया गया था। साथ ही केन्द्रीय मरू अनुसंधान सलाहकार समिति के भी सदस्य रहे थे। 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना से लगातार 1994 (मरणोपंरात) तक भाजपा के शहर जिला महामंत्री के पद पर कार्य किया था। राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के जोधपुर से अन्यत्र स्थानान्तरण के दौरान भी ओझा ने संघर्ष किया था।
मार्ग का नामकरण ओझा के नाम
प्रतिभाशाली ओझा के व्यक्तित्व की स्मृति को बनाए रखने के लिए भीतरी क्षेत्र के वार्ड संख्या 14 स्थित चांदपोल पुलिस चौकी से निगम के उप कार्यालय तक के मार्ग का नामकरण उनके नाम पर किया गया है। निगम की साधारण सभा में गत फरवरी माह में इसे सर्वसम्मति से पारित किया गया था। 1978 से एडवोकेट रहे ओझा ने अपने जीवन में खान श्रमिकों के हितों के लिए कार्य किए और उनके कल्याण व विभिन्न आंदोलनों में साथ निभाया। जीवनपर्यन्त ओझा ने एबीवीपी में मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हुए कई प्रत्याशियों को विजय दिलवाई।