हार्ट मरीज की मृत्यु पर हंगामा, शव अस्पताल में रख धरना
- दो वॉल्व बदलने के बाद गांव में तबीयत बिगडऩे पर दुबारा लाए थे अस्पताल
- इलाज मेंलापरवाही से मृत्यु का आरोप
- बगैर कोई पुलिस कार्रवाई के वार्ता के बाद 12.10 बजे समझौता, शव ले गए गांव

जोधपुर. हार्ट के दो वाल्व बदलने के बाद गांव में तबीयत बिगडऩे पर दुबारा महामंदिर स्थित निजी अस्पताल लाए मरीज की मृत्यु को लेकर रविवार अपराह्न परिजन व ग्रामीण विरोध में उतर आए। उन्होंने चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। अस्पताल संचालक को बुलाने की मांग को लेकर शव अस्पताल के मुख्य द्वार के पास रख धरने पर बैठ गए। रात 12.10 बजे अस्पताल प्रशासन व परिजन में वार्ता के बाद समझौता हुआ और बगैर कोई पुलिस कार्रवाई शव गांव ले गए।
नागौरी गेट थानाधिकारी लूणसिंह के अनुसार लोहावट में जाटावास बिगासर निवासी रामूराम (34) पुत्र सुरताराम जाट की श्रीराम अस्पताल में मृत्यु हुई है। परिजन ने चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। शव मुख्य द्वार के अंदर रखकर अस्पताल संचालक को बुलाने की मांग करने लगे। एडीसीपी हनुमान प्रसाद मीणा व एसीपी कमलसिंह ने समझाइश के प्रयास कर मामला दर्ज कराने को आग्रह किया, लेकिन रात तक परिजन ने कोई शिकायत नहीं दी। एेहतियात के तौर पर पुलिस व आरएसी का अतिरिक्त जाब्ता तैनात किया गया है।
पुलिस का कहना है कि हार्ट में तकलीफ के चलते रामूराम को गत 10 जून को अस्पताल लाया गया था। उसके दो वाल्व खराब थे। 14 जून को ऑपरेशन कर वाल्व बदल दिए गए थे। 21 जून को उसे छुट्टी दे दी गई थी। 25 जून को जांच के बाद परिजन उसे फिर से गांव ले गए थे, जहां शनिवार रात उसकी तबीयत खराब हो गई। उसे फिर से अस्पताल में भर्ती किया गया। आइसीयू में रविवार तडक़े साढ़े तीन बजे उसकी मृत्यु हो गई। इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर परिजन विरोध में उतर आए। वे हंगामा करने करने लगे। दोपहर तक अन्य ग्रामीण व छात्रसंघ अध्यक्ष सुनील चौधरी अस्पताल में एकत्रित हुए। शव मुख्य द्वार के पास रख धरने पर बैठ गए। वे अस्पताल संचालक को मौके पर बुलाने की मांग करने लगे, लेकिन अस्पताल संचालक नहीं पहुंचे।
समझौते के बाद बगैर कोई मामला दर्ज कराए शव उठाया
भीषण गर्मी में शव से दुर्गंध आने की आशंका के चलते परिजन ने बर्फ की शिलाएं अस्पताल मंगा ली। उस पर शव रखकर विरोध जारी रखा। देर रात फिर से अस्पताल प्रशासन व परिजन में वार्ता हुई। रात 12.10 बजे समझौता हो गया और पुलिस में बगैर कोई मामला दर्ज कराए शव गांव लेकर रवाना हुए।
इनका कहना...
‘कार्डियक सर्जरी कोई भी हो, एक वाल्व का रिप्लेसमेंट भी बेहद जोखिम भरा रहता है। दो वाल्व रिप्लेसमेंट हुए थे। परिजन से कहा है कि वो एफआइआर दर्ज करवाएं, लेकिन वो एफआइआर दर्ज नहीं करवा रहे हैं। कानूनी कार्रवाई से इन्हें कोई मतलब नहीं है। ये हमें बिलकुल मंजूर नहीं है।’
डा सुनील चाण्डक, संचालक, श्रीराम अस्पताल।
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