जोधपुर

बलात्कार पीडि़ता का गर्भपात कराने वाली डॉक्टर को तीन वर्ष की जेल

आरोपी अध्यापक को आजीवन कारावास की सजा

जोधपुरFeb 01, 2019 / 08:01 pm

jitendra Rajpurohit

बलात्कार पीडि़ता का गर्भपात कराने वाली डॉक्टर को तीन वर्ष की जेल

जोधपुर. लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण की विशेष अदालत के न्यायाधीश रूपचंद सुथार ने बलात्कार पीडि़ता नाबालिग का अवैध गर्भपात कराने वाली निजी अस्पताल की महिला डाक्टर को तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। जबकि इसी मामले में आरोपी अध्यापक को पॉस्को कानून के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
मामले के अनुसार शेरगढ़ तहसील के कुम्हारों का बेरा गांव स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय का अध्यापक हरसीलाल मीणा इसी विद्यालय में पढऩे वाली एक नाबालिग छात्रा को 21 फरवरी 2013 को बहला-फुसलाकर भगा ले गया। इसकी रिपोर्ट पीडि़ता के पिता ने शेरगढ़ थाना में दर्ज कराई। कुछ दिन बाद पुलिस ने बालिका को दस्तयाब किया तथा आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। अनुसंधान के दौरान पता चला कि आरोपी द्वारा बालिका के साथ बलात्कार के कारण गर्भ ठहर गया। आरोपी ने बालोतरा स्थित एक निजी अस्पताल की डॉक्टर सरोज पालीवाल से अवैध गर्भपात करवा दिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया। पीडि़ता की ओर अधिवक्ता किशनलाल गेवा तथा सरकारी अधिवक्ता ने न्यायालय में अंतिम बहस करते हुए कहा कि आरोपी शिक्षक जैसे पवित्र पद पर रहते हुए बलात्कार जैसा जघन्य अपराध किया है आरोपी ने गुरु-शिष्य के रिश्ते को तार तार कर दिया है और एक महिला डॉक्टर ने अवैध रूप से गर्भपात करवा कर ना केवल आरोपी के सबूत मिटाने का प्रयास किया है बल्कि एक बालिका की जान को भी जोखिम में डाला है इसलिए दोनों आरोपियों को कड़ी सजा दी जाए। बचाव पक्ष की ओर से मामले को झूठा बताते हुए रियायत देने का निवेदन किया। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी करौली के सपोटरा गांव निवासी शिक्षक हरसीलाल मीणा पुत्र देवफुल मीणा को पोस्को एक्ट तथा आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आजीवन कारावास तथा दस हज़ार रुपये का अर्थदंड लगाया। सहआरोपी महिला डॉक्टर सरोज को भारतीय दंड संहिता की धारा के तहत तीन वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
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