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जोधपुर

बच्ची से बलात्कारी को अंतिम सांस तक कारावास की सजा

राइकाबाग रेलवे स्टेशन पर माता-पिता संग सो रही बच्ची का अपहरण कर झाडिय़ों में किया था बलात्कार- 15 दिन में चालान पेश, 113 दिन में सजा

जोधपुरFeb 16, 2019 / 07:03 pm

yamuna soni

Rape victim to jail till last breath

kailashchandra

जोधपुर.

राइकाबाग रेलवे स्टेशन पर माता-पिता संग सो रही तीन साल की बालिका का अपहरण कर झाडिय़ों में ले जाकर बलात्कार करने के आरोपी युवक को पोक्सो अदालत के विशिष्ट न्यायाधीश बीएल जाट ने शनिवार को शेष प्राकृतिक जीवन तक कारावास और 23 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
न्यायाधीश ने जुर्माने की रकम 23 हजार रुपए पीडि़ता को देने के साथ विधिक सेवा प्राधिकरण से आर्थिक सहायता देने की अनुशंसा भी की।

इस मामले में जीआरपी ने वारदात के पन्द्रह दिन बाद चालान पेश कर दिया था। अदालत ने महज 113 दिन में मामले की सुनवाई पूरी कर बलात्कारी को सजा सुना दी।
पीडि़ता को राजस्थान पीडि़त प्रतिकार योजना के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से 1.76 लाख रुपए की आर्थिक सहायता भी दी गई थी।
पुलिस अधीक्षक (जीआरपी) ममता राहुल के अनुसार गत वर्ष 10 अक्टूबर की मध्यरात्रि को तीन साल की मासूम बच्ची का अपहरण व बलात्कार करने के मामले में आसिंद (भीलवाड़ा) में बरनी निवासी कैलाशचन्‍द (24) पुत्र रामकुमार भील को आइपीसी की धारा 376 क व ख में आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवनकाल) व बीस हजार रुपए का जुर्माना और जुर्माना अदा न करने पर चार माह की अतिरिक्त सजा सुनाई।
साथ ही आइपीसी की धारा 366 में दस साल के साधारण कारावास व तीन हजार रुपए जुर्माना और जुर्माना अदा न करने पर एक माह की अतिरिक्त सजा दी गई है। इसके अलावा आइपीस की धारा 510 में चौबीस घंटे की साधारण कारावास की सजा सुनाई गई है।
मौके से पकड़ा आरोपी, दस दिन में चालान

तीन साल की पीडि़ता अपने माता व पिता के साथ गत वर्ष दस अक्टूबर की रात राइकाबाग रेलवे स्टेशन पर रामदेवरा जाने वाली ट्रेन का इंतजार में सो रही थी। रात करीब बारह बजे आरोपी कैलाश ने मां के पास सोई बच्ची का नींद में अपहरण कर केएन कॉलेज के सामने राइकाबाग ओवरब्रिज के नीचे झाडिय़ों में ले गया, जहां बलात्कार किया।
उधर, बच्ची नहीं मिली तो महिला ने पति को जगाया और तलाश शुरू की थी। साथ ही जीआरपी को सूचना दी। तलाशी के दौरान झाडिय़ों में बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी तो जीआरपी मौके पर पहुंच गई और कैलाश को बलात्कार करते पकड़ लिया था। साथ ही खून से सनी बच्ची को उम्मेद अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां उसका ऑपरेशन किया गया था। पिता के पर्चा बयान के आधार पर अपहरण, बलात्कार व पोक्सो अधिनियम में मामला दर्ज किया गया था। जीआरपी ने ग्यारह अक्टूबर को आरोपी का मेडिकल कराया था। उसे 25 अक्टूबर तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया था। जांच अधिकारी रविन्द्र बोथरा ने 25 अक्टूबर कोर्ट में चालान पेश किया था। मामले को केस ऑफिसर स्कीम में लेकर थानाधिकारी बोथरा को केस ऑफिसर नियुक्त किया गया था।
तीस गवाहों को समन, हर रोज सुनवाई
आरोपी को को सजा तक पहुंचाने के लिए तीस गवाहों को सम्मन तामील कराए थे। कोर्ट में प्रतिदिन होने वाली सुनवाई में बयान दर्ज कराए थे। विशिष्ट लोक अभियोजक दिनेश कुमार शर्मा ने अंतिम बहस में कहा कि यह अत्यंत विक्षिप्त मामला है। आरोपी ने मां के पास सो रही मासूम बच्ची का अपहरण कर शर्मनाक और मानव जाति को कलंकित करने वाला दुष्कर्म किया है। ऐसे दुष्कर्मी को फांसी की सजा दी जाए। आरोपी की ओर से नरमी बरतने का आग्रह किया गया।

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