scriptमकर संक्रांति पर 29 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग | Rare coincidence being made after 29 years on Makar Sankranti | Patrika News

मकर संक्रांति पर 29 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग

locationजोधपुरPublished: Jan 13, 2022 01:53:09 pm

Submitted by:

Nandkishor Sharma

 
कल खत्म हो जाएगा मळमास, बाजारों में तिल से बने व्यंजनों की खरीदारी बढ़ी

मकर संक्रांति पर 29 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग

मकर संक्रांति पर 29 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग

जोधपुर. मकर संक्रांति 14 जनवरी को दोपहर 2.28 बजे सूर्यदेव अपने पुत्र शनि की स्वामित्व वाली मकर राशि में आने के साथ ही पुन: गृहप्रवेश, मुंडन संस्कार, यज्ञोपवीत, विवाह आदि मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगे। धार्मिक मान्यतानुसार संक्रांति पुण्यकाल में दान-तीर्थ स्नान व नाम जप एवं तिल-तेल से निर्मित वस्तुओं के साथ शनि से संबंधित पदार्थों का दान अनंतगुणा फलदायक माना गया है। सूर्यनगरी में महिलाओं की ओर से एक ही तरह की तेरह वस्तुएं (तेरूंडा) भेंट करने की परम्परा का निर्वहन किया जाएगा। मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में गजक, रेवड़ी, फीणी, घेवर एवं तिल से बने व्यंजनों की खरीदारी के चलते बाजार में अस्थाई स्टॉल्स पर रौनक रही।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगा देश का पराक्रम
सूर्य के मकर राशि में आने के साथ ही मळमास (खरमास) खत्म हो जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार इस बार मकर संक्रांति का वाहन बाघ और उपवाहन अश्व होने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का पराक्रम बढ़ेगा। वस्त्र, आभूषण व सुख सुविधाओं का व्यवसाय करने वाले व्यापारियों-उद्यमियों के लिए शुभ रहेगा।
मकर संक्रांति पर इससे पूर्व ऐसा योग 1993 में

मकर संक्रांति को पौष महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि रहेगी। इसलिए इस दिन सूर्य के साथ भगवान विष्णु की भी विशेष पूजा की जाएगी। सूर्य का राशि परिवर्तन दोपहर में होने से शाम तक पुण्यकाल रहेगा। इस दौरान तीर्थ स्नान, सूर्य पूजा और दान करने का कई गुणा शुभ फल मिलेगा। ज्योतिष डा.अनीष व्यास ने बताया कि मकर राशि में सूर्य और शनि ग्रह का होना बड़ा ही दुर्लभ संयोग है। और यह संयोग 29 साल के बाद हो रहा है। इससे पूर्व यह योग 1993 में पड़ा था। मकर संक्रांति के दिन रोहिणी नक्षत्र रात 8.18 बजे तक रहेगा। रोहिणी नक्षत्र के दौरान स्नान और दान-पुण्य करना शुभ होता है। इस दिन आनंदादि और ब्रह्म योग रहेगा। जब ग्रह राशि परिवर्तन करता है। तब इसका सभी 12 राशियों पर प्रभाव पड़ता है। इसका संबंध खगोल,ज्योतिष, मौसम और धर्म से भी है। मकर संक्रांति को उत्तरायण भी कहा जाता है।
मकर संक्रांति पुण्यकाल का शुभ समय
– दोपहर 2.43 से शाम 5.45 बजे तक

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