दूसरे दिन भी उसका सुराग नहीं लग पाया है। एसीबी के थानाधिकारी को हिरासत में लेते ही जांच अधिकारी व उप निरीक्षक गणपतलाल के होश उड़ गए और वह थाने से मामले की पत्रावली लेकर भाग निकला। उसकी तलाश में घर पर दबिश दी गई, लेकिन उसका सुराग नहीं लग पाया। एसीबी का कहना है कि उप निरीक्षक भी आरोपी है और उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। ब्यूरो के लिए पत्रावली काफी महत्वपूर्ण है, जो थानेदार लेकर भागा है।
थानेदार की अलमारी में मिले शराब के 26 पव्वे व फाइल एसीबी कार्रवाई का पता लगते ही थाने से भागे थानेदार (एसआइ) गणपतलाल की अलमारी सील कर दी गए थी। एसीबी ने शनिवार को गवाहों के समक्ष अलमारी खोली तो उसमें शराब के 46 पव्वे और विक्रमसिंह राठौड़ मामले से जुड़ी पत्रावली मिली। पत्रावली कब्जे में ली गई है। वहीं, शराब के संबंध में अलग से जांच की जा रही है।
यह था मामला ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरेन्द्र चौधरी ने बताया कि निजी कोचिंग संस्थान में पढ़ाने वाले विक्रमसिंह राठौड़ को रातानाडा थाना पुलिस ने गत 21 मई को गिरफ्तार किया था। तब उससे पुलिस ने पचास हजार रुपए लिए थे। विक्रमसिंह पर फर्जी आइआरएस बनकर कोचिंग में पढ़ाने का आरोप है। 22 मई को घर की तलाशी में टेबल की दराज से पुलिस को चार लाख रुपए मिले थे। जो पुलिस थाने ले आई थी, लेकिन उसे रिकॉर्ड में नहीं लिया। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद विक्रमसिंह रुपए लेने रातानाडा थाने पहुंचा। तब थानाधिकारी भूपेन्द्रसिंह ने सौदेबाजी शुरू की। पूरी राशि की बजाय सिर्फ दो लाख रुपए लौटाने के लिए राजी हुए। इसकी शिकायत उसने एसीबी से कर डाली। जिस पर यह कार्रवाई की गई है।