कार्रवाई से मचा हड़कंपमोबाइल मजिस्ट्रेट कुमावत ने बताया कि पिछले कई दिनों से शहर में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। शुक्रवार को चेकिंग अभियान की सूचना मिलने पर शहर की सिटी बस चालकों में हड़कंप मच गया। सिटी बस चालकों ने बसों को चौराहे से पहले रोक लिया।
........................... नारी निकेतनों का जायजा लेकर सुविधाओं में कमियां बताएं: कोर्ट
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने संबंधित जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के पूर्णकालिक सचिवों को जोधपुर के अलावा राज्य में छह स्थानों पर स्थित नारी निकेतनों का निरीक्षण करने और बुनियादी सुविधाओं की कमियों को इंगित करते हुए रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
न्यायाधीश संदीप मेहता तथा न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ में एक याचिका की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल गौड़ ने कहा कि जोधपुर स्थित नारी निकेतन की सीवरेज प्रणाली के नवीनीकरण के लिए 19 लाख की राशि स्वीकृत की गई है, जिसका समुचित उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नारी निकेतन को भेेंट की गई एंबुलेंस की मरम्मत की जा रही है। एक चालक को पहले ही प्रतिनियुक्ति के आधार पर नियुक्त किया जा चुका है। अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा ने कहा कि मनोचिकित्सकों की एक टीम कोर्ट के निर्देशानुसार जोधपुर और अजमेर में नारी निकेतनों का नियमित रूप से दौरा कर रही है। खंडपीठ ने कहा कि राज्य के अन्य नारी निकेतनों में भी इस प्रक्रिया को प्रोटोकॉल का हिस्सा बनाया जाए। नर्सिंग स्टाफ की नियुक्ति के संबंध में शर्मा ने कहा कि अभी तक मेडिकल स्टाफ प्रतिनियुक्ति पर नहीं लगाया गया है। वर्तमान में किसी भी नारी निकेतन में कोई नर्सिंग स्टाफ उपलब्ध नहीं है। जबकि राज्य में सभी 7 नारी निकेतनों में एक-एक नर्सिंग स्टाफ का स्वीकृत पद है। खंडपीठ ने सामाजिक अधिकारिता विभाग के सचिव को सभी नारी निकेतनों में नर्सिंग स्टाफ की स्थाई नियुक्ति के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को एक प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में अपेक्षित कार्य अगले 15 दिनों में पूरा करने को कहा गया है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि स्वीकृत पदों की संख्या बढ़ाने के पूर्व के निर्देश का भी यथाशीघ्र अनुपालन किया जाए। न्याय मित्र डॉ. नुपुर भाटी ने सुझाव देते हुए कहा कि सभी नारी निकेतनों में होम्योपैथिक विशेषज्ञ और एक आयुर्वेदिक चिकित्सक के नियमित दौरे की भी व्यवस्था की जाए, ताकि वहां रहने वाली महिलाओं को अतिरिक्त सहायता प्रदान की जा सके। गौड़ ने सुझाव पर सहमति जताते हुए कहा कि सभी नारी निकेतनों में होम्योपैथिक चिकित्सक और आयुर्वेदिक चिकित्सक के नियमित दौरे की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि एक महिला अधिकारी दीपिका बिश्नोई को बालिका गृह, जोधपुर के अधीक्षक के रूप में नियुक्त किया जा चुका है। पालना रिपोर्ट पेश करने के लिए अगली सुनवाई 29 जुलाई को मुकर्रर की गई है।
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने संबंधित जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के पूर्णकालिक सचिवों को जोधपुर के अलावा राज्य में छह स्थानों पर स्थित नारी निकेतनों का निरीक्षण करने और बुनियादी सुविधाओं की कमियों को इंगित करते हुए रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
न्यायाधीश संदीप मेहता तथा न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ में एक याचिका की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल गौड़ ने कहा कि जोधपुर स्थित नारी निकेतन की सीवरेज प्रणाली के नवीनीकरण के लिए 19 लाख की राशि स्वीकृत की गई है, जिसका समुचित उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नारी निकेतन को भेेंट की गई एंबुलेंस की मरम्मत की जा रही है। एक चालक को पहले ही प्रतिनियुक्ति के आधार पर नियुक्त किया जा चुका है। अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा ने कहा कि मनोचिकित्सकों की एक टीम कोर्ट के निर्देशानुसार जोधपुर और अजमेर में नारी निकेतनों का नियमित रूप से दौरा कर रही है। खंडपीठ ने कहा कि राज्य के अन्य नारी निकेतनों में भी इस प्रक्रिया को प्रोटोकॉल का हिस्सा बनाया जाए। नर्सिंग स्टाफ की नियुक्ति के संबंध में शर्मा ने कहा कि अभी तक मेडिकल स्टाफ प्रतिनियुक्ति पर नहीं लगाया गया है। वर्तमान में किसी भी नारी निकेतन में कोई नर्सिंग स्टाफ उपलब्ध नहीं है। जबकि राज्य में सभी 7 नारी निकेतनों में एक-एक नर्सिंग स्टाफ का स्वीकृत पद है। खंडपीठ ने सामाजिक अधिकारिता विभाग के सचिव को सभी नारी निकेतनों में नर्सिंग स्टाफ की स्थाई नियुक्ति के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को एक प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में अपेक्षित कार्य अगले 15 दिनों में पूरा करने को कहा गया है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि स्वीकृत पदों की संख्या बढ़ाने के पूर्व के निर्देश का भी यथाशीघ्र अनुपालन किया जाए। न्याय मित्र डॉ. नुपुर भाटी ने सुझाव देते हुए कहा कि सभी नारी निकेतनों में होम्योपैथिक विशेषज्ञ और एक आयुर्वेदिक चिकित्सक के नियमित दौरे की भी व्यवस्था की जाए, ताकि वहां रहने वाली महिलाओं को अतिरिक्त सहायता प्रदान की जा सके। गौड़ ने सुझाव पर सहमति जताते हुए कहा कि सभी नारी निकेतनों में होम्योपैथिक चिकित्सक और आयुर्वेदिक चिकित्सक के नियमित दौरे की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि एक महिला अधिकारी दीपिका बिश्नोई को बालिका गृह, जोधपुर के अधीक्षक के रूप में नियुक्त किया जा चुका है। पालना रिपोर्ट पेश करने के लिए अगली सुनवाई 29 जुलाई को मुकर्रर की गई है।