scriptvideo रिजल्ट्स : डोन्ट वरी, टेंशन शूटर और स्ट्रेस बस्टर बनें | video Results: Dont Worry, Be Tension Shooter and Stress Buster | Patrika News

video रिजल्ट्स : डोन्ट वरी, टेंशन शूटर और स्ट्रेस बस्टर बनें

locationजोधपुरPublished: May 24, 2018 01:18:56 am

Submitted by:

M I Zahir

यदि आपने कोई परीक्षा दी है या परीक्षा देने की तैयारी कर रहे हैं तो आपको किसी तरह का टेंशन करने की जरूरत नहीं है।

Tension

Tension

जोधपुर .
यदि आपने कोई परीक्षा दी है या परीक्षा देने की तैयारी कर रहे हैं तो आपको किसी तरह का टेंशन करने की जरूरत नहीं है। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, उच्च शिक्षा व प्रतियोगी परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स परीक्षा परिणाम को लेकर तनाव में न रहें। परीक्षा परिणाम कुछ भी हो सकता है। यह परिणाम जितनी मेहनत की जाती है उसका प्रतिफल होता है। अच्छी मेहनत के बावजूद प्रश्न पत्र में उत्तर सही नहीं लिख पाने या समय कम होने पर उत्तर या तो सही नहीं लिख पाते या छूट जाते हैं। उत्तर याद होने पर हड़बड़ी में जवाब गलत लिख दिए जाते हैं। एेसे में नतीजे आने पर मायूस होना बेमानी है और गलत है।

एक परीक्षा पूरी जिन्दगी का एक छोटा सा हिस्सा

एक परीक्षा पूरी जिन्दगी का एक छोटा सा हिस्सा होती है। कैरियर बनाने और संवारने के लिए बहुत सारे अवसर मिलते हैं और निराश नहीं होना चाहिए। टेंशन ले कर कोई गलत कदम नहीं उठाना चाहिए। जान है तो जहान है। आप चींटी से सबक ले सकते हैं। बुलन्द हौसला मौजों के पार उतर गए, डूबे वही जिनके इरादे बदल गए। आप एक मामूली चींटी से सबक ले सकते हैं। चींटी पहाड़ पर चढ़ते समय नीचे गिर जाती है। वह बार-बार कोशिश करती है और हिम्मत नहीं हारती है। क्यों कि वह ठान लेती है कि चाहे कितनी बार कितनी ही ऊंचाई से क्यों न गिरे, आखिर पहाड़ पर चढऩा ही है।
आखिर पहाड़ पर चढऩा ही है

अगली बार वह जरा संभल कर संतुलन बना कर चढ़ती है और ऊपर चढ़ कर ही दम लेती है। हर फेलियर को यार दोस्तों और रिश्तेदारों की परवाह नहीं करना चाहिए। इसलिए अगर आप कोई परीक्षा दे रहे हैं और या दे चुके हैं अथवा जिन परीक्षार्थियों के परीक्षा परिणाम जारी हो चुके हैं, वे अपना दिमागी संतुलन बना कर रखें। मनोविज्ञान विशेषज्ञों के अनुसार एेसे स्टूडेंट्स को घबराने की जरूरत नहीं है। आगे भी हंसते और मस्ती करते हुए पढ़ाई करने की जरूरत है। भावावेश में कोई कदम न उठाएं।

किसी के दबाव में न आएं

आम तौर पर देखा गया है कि जिन स्टूडेंट्स का रिजल्ट उनके माता पिता, दोस्तों या रिश्तेदारों की उम्मीद के अनुरूप नहीं आता है वे बहुत ज्यादा दबाव में आ जाते हैं और इस स बन्ध में लगातार सोचने से वे तनाव में आ जाते हैं और लगातार सोचने से उन्हें टेंशन होता है और ड्रिप्रेशन में आ कर वे गलत कदम उठाने का मन बना लेते हैं। यह नकारात्मक सोच बहुत खतरनाक होती है। इसलिए हर तरह का रिजल्ट स्वीकार करें।
अपनी सोच सकारात्मक रखें

पत्रिका ने रिजल्ट का इंतजार कर रहे या रिजल्ट आने के बाद तनाव में रह रहे स्टूडेंट्स की परेशानी के मद्देनजर मनोवैज्ञानिकों से बात की तो उन्होंने कहा कि गीता के आठवें अध्याय की तरह अपनी सोच सकारात्मक रखें कि जो होगा अच्छा होगा। बस यही सोचें कि जो होगा, अच्छा होगा। जिन्दगी एक बार चली गई तो दुबारा चान्स नहीं मिलेगा डॉ. गुंठे ने कहा कि यह भी हो सकता है कि सिर में ज्यादा दर्द होने के कारण शायद आप ढंग से एपियर न कर पाए हों। इसलिए डिविजन, परसेेंटेज, परसेंटाइल या ग्र्रेड का टेंशन डस्टबिन में डाल दें और फ्रैश माइंड रहें। तनाव, हार्ट अटैक, अल्सर और अवसाद जैसी मानसिक बीमारियों को बुलावा देता है। एक बार नाकाम होने के बाद आप दुबारा एग्जाम दे सकते हैं, लेकिन जिन्दगी एक बार चली गई तो दुबारा चान्स नहीं मिलेगा।
रिजल्ट आने के बाद सोसाइटी का सामना करें
रवि गुंठे के मुताबिक रिजल्ट आने के बाद सोसाइटी का सामना करें। यह लाइफ टर्निंग पॉइंट है। स्टूडेंट्स सबकी सुनें और खुद पर भरोसा रखें। क्योंकि एग्जाम एक तीर की तरह है,जो एक बार कमान से निकल गया तो निकल गया,वह सही जगह भी लग सकता है और गलत भी लग सकता है। जिन्दगी तनाव का नहीं, जीने का नाम है।
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