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एक विद्यार्थी ने लटकाई 725 अफसरों के भविष्य पर तलवार, महीनों से अटकी पड़ी है नियुक्ति

locationजोधपुरPublished: Jun 12, 2018 02:08:25 pm

एक परीक्षार्थी के कारण 725 नियुक्तियां अटकी

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एक विद्यार्थी ने लटकाई 725 अफसरों के भविष्य पर तलवार, महीनों से अटकी पड़ी है नियुक्ति

आरएएस-2016 परीक्षा का मामला
आरपीएससी एक छात्र की परीक्षा नहीं लेगी, सुप्रीम कोर्ट जाएगी

जोधपुर. राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) की ओर से ली जाने परीक्षा में आप भले ही टॉपर हो जाओ, लेकिन नौकरी पाना फिर भी आपके बस की बात नहीं है। आरएएस-2016 परीक्षा में कुछ ऐसा ही हुआ है। आरपीएससी ने आरएएस-2016 में 725 पदों के लिए नियुक्तियां निकालीं। इनमें राज्य सरकार ने बिना सोचे-समझे एसबीसी वर्ग को 5 फीसदी आरक्षण देकर कुल आरक्षण सीमा 50 से बढ़ा कर 54 फीसदी कर दी थी। आरएएस प्री का परिणाम आने के बाद कोर्ट ने आरक्षण खारिज कर दिया। इससे सामान्य वर्ग के 19 अभ्यर्थी कोर्ट की शरण में गए। इन अभ्यर्थियों के माक्र्स आरएएस प्री के कटऑफ माक्र्स के पास में ही थे और एसबीसी आरक्षण रद्द करने से उनमें मुख्य परीक्षा के लिए क्वालिफाई होने की उम्मीद जागी थी। आरपीएससी ने एहतियात बरतते हुए इन अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा से दो दिन पहले कॉल लैटर जारी कर दिए। अब 19 में से 18 जने मुख्य परीक्षा में बैठे, लेकिन एक अभ्यर्थी नहीं बैठी। हाल ही में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए इस अभ्यर्थी के लिए अलग से मुख्य परीक्षा लेने व इसमें सफल होने पर साक्षात्कार लेने के आदेश दिए हैं। यहां विशेष बात यह है कि कोर्ट ने 725 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर किसी भी तरह की रोक नहीं लगाई है। सरकार चाहे तो इक्का-दुक्का शेडो पद क्रिएट कर अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे सकती है।
टॉपर के भी यह है हाल
परीक्षा में टॉपर रहे भवानीसिंह चारण सहित 725 अभ्यर्थियों को आठ महीने बाद भी नियुक्ति नहीं मिली। नियुक्ति मिलेगी भी या नहीं, इसी उहापोह में चारण ने हाल ही में आई आरएएस-2018 भर्ती में भी आवेदन पत्र भरा है। एक टॉपर नौकरी नहीं मिलने के कारण फिर से उसी परीक्षा में बैठने के लिए मजबूर है।

कार्मिक विभाग व आरपीएससी के मत अलग-अलग
कार्मिक विभाग ने आरपीएससी को सभी 19 अभ्यर्थियों की मुख्य परीक्षा लेने की सलाह दी है, लेकिन आरपीएससी यह मानने के लिए तैयार नहीं है कि उससे गलती हुई है। वह सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। —
नौकरी मिल गई तो परीक्षा नहीं दूंगा
आरएएस-2018 का फॉर्म भरा है। अगर आरएएस-2016 में नियुक्ति मिल गई तो परीक्षा नहीं दूंगा। वरना फिर से आरएएस की परीक्षा में बैठना ही पड़ेगा।

भवानी सिंह चारण, आरएएस-2016 टॉपर
हम तो तैयार बैठे हैं, आरपीएससी जाने
हम तो नियुक्तियां देने के लिए तैयार बैठे हैं। कुछ अभ्यर्थियों की परीक्षा वापस करवानी हैं, इसलिए आरपीएससी संभवत: अब सुप्रीम कोर्ट में जाएगी, तब तक सफल अभ्यर्थियों की नियुक्तियों के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।
-अरविंदकुमार पोषवाल, संयुक्त सचिव, कार्मिक विभाग

फुल बैंच करेगी निर्णय
राज्य सरकार व विधि विशेषज्ञ से सलाह के बाद फुल बैंच इसका निर्णय करेगी। उम्मीद है जल्द ही इसका निर्णय हो जाएगा।

-शिवसिंह राठौड़ सदस्य, आरपीएससी
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