गोरतलब है कि गुरुवार को युवती की ओर से निचली अदालत में भी जमानत याचिका पेश की गई थी, लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया था। । बुधवार देर रात राइकाबाग क्षेत्र के एक निजी होस्टल में रहने वाली ममता विश्नोई पुत्री भजनलाल को किसी हादसे में घायल होने पर एमडीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में इलाज के लिए लाया गया था। जहाँ उसने जमकर हंगामा करते हुए वहां मौजूद रेजिंडेट डॉक्टर्स के साथ गाली गलोच और बदसलूकी की। ममता खुद को पुलिस में सीआइ तो कभी एसआइ बता रही थी। वहां उपस्थित गार्ड और अन्य लोगों ने उसको समझाया परंतु वह नशे में होने के चलते लगातार बदसलूकी करती रही और सभी को देख लेने की धमकी देती रही इस पर दूसरे दिन अस्पताल प्रशासन की शिकायत पर शास्त्रीनगर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।
जुर्म साबित होने पर पचास हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है पुलिस ने युवती के खिलाफ राजस्थान मेडिकेयर सर्विस पर्सन एंड मेडिकेयर सर्विस इंस्टीट्यूशंस (प्रिवेंशन्स ऑफ वायलेंस एंड डेमेज टू प्रॉपर्टी) एक्ट 2008 की धारा तीन व चार के अंतर्गत मामला दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ कर दिया। धारा तीन में मेडिकल सर्विस इंस्टीट्यूशन में किसी भी कृत्य से मेडिकल पर्सन के खिलाफ उत्पीड़न व प्रॉपर्टी के नुकसान को प्रतिबंधित किया गया है। धारा चार में कोई आरोपी अगर धारा तीन में उल्लेखित प्रावधान के उल्लंघन का दोषी पाया जाता है तो उस पर पचास हजार रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है साथ ही तीन वर्ष कारावास की सजा का प्रावधान भी है।