रूस के US $ में अंतरराष्ट्रीय व्यापार से इनकार के बाद यह सम्भावना और ज्यादा बलवती हो गई है। कारण कि भारत इस अवसर का पूरी तरह लाभ उठाने की कोशिश में है। अनुमान है कि आने वाले दिनों में भारत रूस को 200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त निर्यात कर सकता है। इसमें बड़ा हिस्सा Handicraft furtnre का भी होगा।
भारत से अभी सर्वाधिक 6800 करोड़ रुपए का निर्यात अमरीका जैसे देशों को होता है, जबकि रूस के साथ हमारी निर्यात भागीदारी बमुश्किल 300 करोड़ है। इसमें अकेले हस्तशिल्प का हिस्सा लगभग एक सौ करोड़ है। हैंडीक्राफ्ट निर्यातक रुपए-रूबल में दोनों देशों के बीच व्यापार में इसलिए भी आशा की किरण देख रहे हैं कि रूस से हस्तशिल्प निर्यात में पिछले दो सालों के दौरान 50 प्रतिशत से अधिक की ग्रोथ हुई है।
वुडवेयर व आर्टमेटल की मांग ज्यादा कोलकाता स्थित वाणिज्यक आसूचना एवं सांख्यिकी महानिदेशालय (DGCI&S) के आंकड़ों के अनुसार पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले रूस को वुडवेयर निर्यात में 62.08 व आर्टमेटल वेयर में 56,72 फीसदी की वृद्धि हुई है।
इन उत्पादों की भी मांग
रूस से हाथ से रंगे कपड़े, हथकरघा उत्पाद, शॉल, जरी उत्पाद, इमिटेशन ज्वैलरी, इत्र व अगरबत्ती तथा अन्य छोटे-मोटे हस्तशिल्प उत्पादों की मांग है। हालांकि फर्नीचर व आर्टमेटल के मुकाबले इन उत्पादों का बहुत कम हिस्सा होता है, लेकिन इनकी मांग भी लगातार बढ़ रही है।
रूस से हाथ से रंगे कपड़े, हथकरघा उत्पाद, शॉल, जरी उत्पाद, इमिटेशन ज्वैलरी, इत्र व अगरबत्ती तथा अन्य छोटे-मोटे हस्तशिल्प उत्पादों की मांग है। हालांकि फर्नीचर व आर्टमेटल के मुकाबले इन उत्पादों का बहुत कम हिस्सा होता है, लेकिन इनकी मांग भी लगातार बढ़ रही है।
आंकड़ों की बात उत्पाद-------------------------2020-21----------2021-22------ग्रोथ (%)
आर्ट मेटल वेयर्स --------------22.92--------------35.92-------56.72 वुड वेयर्स-----------------------08.65--------------14.02-------62.08
हैंडप्रिंटेड टेक्सटाइल-स्कार्फ--04.00--------------04.44-------11.00
हथकरघा उत्पाद---------------07.42--------------04.53-------(-)38.81 जरी व जरी उत्पाद-------------00.25--------------00.14-------(-)44.00 इंटीमेशन ज्वैलरी---------------01.59--------------03.01-------89.31
इत्र व अगरबत्ती----------------03.01--------------09.35--------210.63
अन्य हस्तशिल्प उत्पाद--------14.12---------------24.61-------74.29 कुल-----------------------------61.96---------------96.03-------54.99 (आंकड़े करोड़ रुपए में जनवरी से अप्रेल तक के, स्रोतः डीजीसीआईएंडएस, कोलकाता)
आर्ट मेटल वेयर्स --------------22.92--------------35.92-------56.72 वुड वेयर्स-----------------------08.65--------------14.02-------62.08
हैंडप्रिंटेड टेक्सटाइल-स्कार्फ--04.00--------------04.44-------11.00
हथकरघा उत्पाद---------------07.42--------------04.53-------(-)38.81 जरी व जरी उत्पाद-------------00.25--------------00.14-------(-)44.00 इंटीमेशन ज्वैलरी---------------01.59--------------03.01-------89.31
इत्र व अगरबत्ती----------------03.01--------------09.35--------210.63
अन्य हस्तशिल्प उत्पाद--------14.12---------------24.61-------74.29 कुल-----------------------------61.96---------------96.03-------54.99 (आंकड़े करोड़ रुपए में जनवरी से अप्रेल तक के, स्रोतः डीजीसीआईएंडएस, कोलकाता)

इसलिए फायदे का सौदा
रुपए-रूबल में सौदे होना हस्तशिल्प निर्यात के लिए फायदे का सौदा हो सकता है। वैसे भी रूस में हमारे उत्पाद पसंद किए जाने लगे हैं और जब दुनिया के कई देश रूस को निर्यात से मुंह मोड़ रहे हैं तो वह हिस्सा भी भारत के हिस्से में आ सकता है। रूस से यूं तो करीब 9 तरह के हस्तशिल्प आइटम निर्यात होते हैं, लेकिन हाल के दिनों में जोधपुर में बहुतायत में बनने वाले लकड़ी व लोहे के फर्नीचर (वुडवेयर व आर्टमेटल वेयर) की मांग लगातार बढ़ रही है। इन दोनों श्रेणियों में रूस को निर्यात बढ़ा भी है। इस वृद्धि से उत्साहित हस्तशिल्प निर्यातकों के लिए रुपए-रूबल सौदों को मंजूरी नया रास्ता खोल सकती है।
-राकेश कुमार,
महानिदेशक, ईपीसीएच, नई दिल्ली