आइआइटी जोधपुर के स्कूल ऑफ एआई एंड डेटा साइंस के एचओडी डॉ नीरज जैन ने बताया कि एआर और वीआर भविष्य की तकनीक है जो हेल्थकेयर, डायग्नोस्टिक्स जैसे विभिन्न क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण और तेजी से प्रमुख भूमिका निभाएगी। रोबोटिक्स, गेमिंग, कंज्यूमर एक्सपीरियंस के अलावा विभिन्न क्षेत्रो में इमर्सिव एक्सपीरियंस की आवश्यकता होती है। वहां एआर-वीआर तकनीक काम आएगी। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का मुख्य रोल होगा। यह कोर्स कामकाजी पेशेवरों को उभरते हुए रोजगार बाजार के लिए भविष्य के लिए तैयार होने का अवसर प्रदान करेगा।
पाठ्यक्रम के उद्देश्य
- एआर और वीआर एप्लीकेशन को डिजाइन और विकसित करने के लिए इंजीनियर तैयार करना।
- एआर-वीआर सिस्टम की समस्या समाधान के लिए गहन ज्ञान, विश्लेषणात्मक और प्रयोगात्मक अनुसंधान कौशल प्रदान करना
- एआर-वीआर ए
एआर और वीआर एप्लीकेशन व इमर्जिंग एक्सपीरियंस के डिजाइन और मॉडलिंग के उपकरणों का ज्ञान देना
- एआर-वीआर सिस्टम की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए तकनीकी समाधान विकसित करने की क्षमता विकसित करना।
-------------------------
वर्तमान में बाजार में एआर-वीआर के डिजाइन, अनपुयोग और मूल्यांकन के प्रोफेशनल्स की काफी डिमाण्ड है। यह पाठ्यक्रम करने के बाद कामकाजी लोगों की कौशल क्षमता में बढ़ोतरी होगी।
-प्रो शांतनु चौधरी, निदेशक, आइआइटी जोधपुर
- एआर और वीआर एप्लीकेशन को डिजाइन और विकसित करने के लिए इंजीनियर तैयार करना।
- एआर-वीआर सिस्टम की समस्या समाधान के लिए गहन ज्ञान, विश्लेषणात्मक और प्रयोगात्मक अनुसंधान कौशल प्रदान करना
- एआर-वीआर ए
एआर और वीआर एप्लीकेशन व इमर्जिंग एक्सपीरियंस के डिजाइन और मॉडलिंग के उपकरणों का ज्ञान देना
- एआर-वीआर सिस्टम की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए तकनीकी समाधान विकसित करने की क्षमता विकसित करना।
-------------------------
वर्तमान में बाजार में एआर-वीआर के डिजाइन, अनपुयोग और मूल्यांकन के प्रोफेशनल्स की काफी डिमाण्ड है। यह पाठ्यक्रम करने के बाद कामकाजी लोगों की कौशल क्षमता में बढ़ोतरी होगी।
-प्रो शांतनु चौधरी, निदेशक, आइआइटी जोधपुर