पुराण Ó नाम से प्रकाशित हो चुका है। इस किताब का अभिनेता गोविंदा ने विमोचन किया था। उन्हांेने भारतीय सिनेमा की शताब्दी पर हास्य लेखों पर आधारित ‘साहब बाथरूम में हैÓ किताब भी लिखी है। उनकी हास्य व्यंग्य कविता ‘क्या हमारे पूर्वज बंदर थेÓ छत्तीसगढ़ राज्य की ग्यारहवीं कक्षा के कोर्स में शामिल है। उन्होंने राजश्री मीडिया के लिए १९ वीडियो बनाए और उनका वितरण भी किया है।
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विदेश यात्राएं
आसकरण अटल अमरीका, रूस, हांगकांग, थाईलैंण्ड, बैल्जियम, जर्मनी,स्विटजरलैंड, हॉलैंड, नेपाल, यूएई, ओमान,सिंगापुर, कनाडा, चीन, इंग्लैण्ड, नॉर्थ आयरलैंड, वेल्स और म्यान्मार आदि देशों की यात्रा कर
चुके हैं।
आसकरण अटल के लिखे डायलॉग के उदाहरण
१.फिल्म विवाह सीन -क्लाइमैक्स के सीन में आलोकनाथ अनुपम खेर से कहते हैं
:-सब बेटों के पिता आप जैसे हो जाएं तो कोई बेटी बाप के लिए बोझ नहीं रह
जाएगी।
सीन ए- एक प्रसंग में प्रेम (सलमान खान) कहता है:-हर फैमिली में प्रॉब्लम है, पर वो ख़ुशनसीब हैं जिनकी फैमिली होती है। सीन -बी -राजकुमारी मैथिली (हीरोइन सोनम कपूर) कहती है, हम भी फुटबॉल खेलेंगे, तब हीरो सलमान खान कहता है : लो आइसक्रीम भी कहती है मुझे दांतों से चबाओ (इस संवाद में राजस्थानी भाषा की खुशबू महसूस होती है।
राजस्थानी में एक कहावत है-राबड़ी कैवे म्हनै दांतां ऊं चबाओ। यह कहावत हास्य और व्यंग्य के तौर पर चुटकी लेने के लिए इस्तेमाल की जाती है। राबड़ी राजस्थानी व्यंजन है। लेखक आशकरण अटल ने बड़ी खूबी से राजस्थानी
की इस कहावत का हिन्दीकरण कर दिया और संवाद खूबसूरत हो गया। इस तरह फिल्म में जोधपुर की आपणायत झलकी।)
-काका हाथरसी पुरस्कार-२००८
आचार्य रामचंद्र शुक्ल पुरस्कार (प्रथम)-महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य
अकादमी-२००८-९, २०१३
काका हाथरसी पुरस्कार-२००८
आचार्य रामचंद्र शुक्ल पुरस्कार (प्रथम)
महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी-२००८-९, २०१३