यह खुशबू सेल्युलाइड के पर्दे पर संस्कृति की जब बात आती है तो उसमें समाज और समाज की इकाई परिवार का जिक्र भी आता है। हिन्दुस्तानी तहज़ीब की यह खुशबू सेल्युलाइड के पर्दे पर भी नजर आती है। हम जब बॉलीवुड की बात करते हैं तो जे़हन के स्क्रीन पर राजश्री प्रोडक्शन की फिल्मों की याद आती हैं। जोधपुर को राज्य की सांस्कृतिक राजधाानी की हैसियत हासिल है।
मारवाड़ के कई इलाकों में गुजरा आसकरण अटल का बचपन मारवाड़ के कई इलाकों में गुजरा। यहां की यह अपणायत राजश्री की फिल्मों का हिस्सा होती है। आखिर इस प्रोडक्शन की ज्यादातर फिल्मों के डायलॉग जोधपुर मूल के हास्य कवि आसकरण अटल ने लिखे हैं। नतीजतन इसकी फिल्मों में यहां की संस्कृति की खुशबू अपने आप ही रच बस गई। सूर्यनगरी के आशकरण अटल ने मुंबई के अंधेरी में रहते हुए साहित्य और फिल्मी दुनिया में अपने फन का उजाला कर दिया है। इन दिनों हर आयु वर्ग के दर्शकों की जुबान पर सलमान खान और सोनम कपूर अभिनीत एक फिल्म के डायलॉग छाये हुए हैं, और वह है- प्रेम रतन धन पायो। इस फिल्म के डायलॉग भी आसकरण अटल ने ही लिखे हैं।
दो बार जन्म हुआ अटल कहते हैं कि उनका दो बार जन्म हुआ। पहली बार परमात्मा के रिकॉर्ड के अनुसार,२८ अक्टूबर १९४५ को और दूसरी बार स्कूली रिकॉर्ड के अनुसार, २ जुलाई १९४८ को जन्म हुआ। हास्य कवि होने के कारण यह उनके बात करने का अंदाज है। शिक्षा पाली जिले में जीजा शिक्षक गिरवरदान संादू के पास हुई। वहंा छह स्कूलों में पांचवीं तक शिक्षा प्राप्त की। उसके बाद छठी कक्षा में बालोतरा में पढ़ाई की। उसके बाद जोधपुर के महात्मा गांधी स्कूल सें सातवीं कक्षा उत्तीर्ण की। यहीं से सिनेमा का शौक लग गया। वहीं आठवीं कक्षा माध्यमिक स्कूल बोरानाडा से प्राप्त की। जयहिंद कॉलेज से हाई स्कूल तक शिक्षा हासिल की।
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मुंबई शिफ्ट हो गए थे आसकरण अटल ने बताया कि वे सन १९७२-७३ में मुंबई शिफ्ट हो गए थे। वे कहते हैं, मुझे अपने जोधपुर से बहुत प्यार है, मैं कहीं भी चला जाऊं, इस शहर को कभी नहीं भूल सकता।…जोधपुर के अटल,मारवाड़ से जुड़ाववे हास्य कवि सम्मेलनों में हंसी की फुलझडि़यां छोड़ते हैं और रसिक श्रोताआें को खूब गुदगुदाते हैं। उन्हांेने परिवार के बारे में बताया, दादा स्व.शक्तिदान चारण। पिता स्व.लक्ष्मीदान चारण।
… M .I. zahir