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सलमान खान के वकील ने कहा-हिरण शिकार की पूरी कहानी ही फर्जी

locationजोधपुरPublished: Jan 17, 2018 09:34:39 am

Submitted by:

Harshwardhan bhati

बचाव पक्ष की ओर से जारी अंतिम बहस

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जोधपुर . अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जोधपुर जिला की अदालत में हिरण शिकार मामले में बचाव पक्ष ने मंगलवार को अंतिम बहस आगे बढ़ाते हुए फिर कहा कि शिकार की पूरी कहानी ही फर्जी है। फिल्म अभिनेता सलमान खान के अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने बहस के दौरान जांच अधिकारी ललित बोड़ा की जांच पर कई सवाल उठाते हुए कहा कि उसने ही सलमान को फंसाने के लिए झूठी कहानी बनाई थी।
विरोधाभासी बयानों पर बहस

अधिवक्ता सारस्वत ने इस मामले के पहले अनुसंधान अधिकारी मांगीलाल सोनल और उसके बाद के अधिकारी ललित बोड़ा के परस्पर विरोधाभासी बयानों पर बहस की। उन्होंने कहा कि घटनास्थल से हिरण के खून के निशान सहित कई महत्वपूर्ण तथ्यों पर दोनों अधिकारियों के बयान संदेहास्पद हैं। उन्होंने तथाकथित शिकार के दौरान उपयोग में ली गई जिप्सी की दो बार जांच पर और बोड़ा की ओर से मालखाने के स्थान को लेकर दिए गए गलत बयानों पर भी सवाल उठाए। बोड़ा तथा अन्य सरकारी गवाहों के बयान और पत्रावली पर मौजूद फर्द के बीच विरोधाभासी तथ्यों पर भी बहस की। बहस पूरी नहीं हो पाई। मामले की सुनवाई बुधवार को फिर होगी।
फिल्म साथ साथ हैं की शूटिंग के समय लगा था आरोप

सूरज बडज़ात्या की फिल्म हम साथ साथ हैं की करीब दो दशक पहले जोधपुर में शूटिंग के दौरान फिल्म अभिनेता सलमान खान पर हिरण का शिकार करने का आरोप लगा था। तब से उन पर लंबा केस चला और एक केस में उन्हें बरी भी कर दिया गया था। शिकार का एक केस अभी भी चल रहा है।
बहस पूरी नहीं हुई थी

पिछले दिनों मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जोधपुर जिला के पीठासीन अधिकारी देवकुमार खत्री की अदालत में चल रहे काले हिरण शिकार मामले में भी बचाव पक्ष की अंतिम बहस पूरी नहीं हो पाई। तब सलमान की ओर से अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने इस मामले के अनुसंधान अधिकारी रहे ललित बोड़ा के बयान और उससे की गई जिरह में आए कई विरोधाभास कोर्ट के समक्ष रखे थे। उन्होंने कहा था कि बोड़ा ने जिरह में यह स्वीकार किया था कि उम्मेद भवन होटल के कमरा नम्बर 508 में जहां सलमान ठहरा था, उसकी पहली बार 10 अक्टूबर 1998 को श्रवणकुमार ने गहन तलाशी ली थी। इसमें तथाकथित हिरण शिकार से सम्बन्धित कोई सुबूत नहीं मिला था।
बरामदगी दिखा दी गई

सारस्वत ने कहा था कि अधिकारी की ओर से दुबारा १२ अक्टूबर को ली गई तलाशी में आश्चर्यजनक रूप से एयरगन, छर्रे और कैमरा आदि की बरामदगी दिखा दी गई। उन्होंने बोड़ा की ओर से डॉ. नेपोलिया को समय पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट के लिए तलब नहीं करने पर भी सवाल उठाए थे। सारस्वत ने बोड़ा की जिरह के दौरान इस स्वीकारोक्ति पर भी बहस की थी, जिसमें अधिकारी ने स्वीकार किया था कि गनशॉट के निशान वाले खाल के टुकड़े विधि विज्ञान प्रयोगशाला नहीं भेजे गए थे।
सलमान खान का चार दिन का रिमाण्ड लिया था

सारस्वत ने बहस के दौरान न्यायालय में कहा कि जांच अधिकारी बोड़ा ने न्यायालय से सलमान खान का चार दिन का रिमाण्ड लिया था। इस अवधि में बोड़ा ने मौका तस्दीक, हथियारों की बरामदगी सहित कई महत्वपूर्ण तथ्य दरकिनार किए। जब बोड़ा से जिरह के दौरान इन तथ्यों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह उसका पहला केस हैं, उसे पूरी विधिक जानकारी नहीं है। अधिवक्ता सारस्वत ने कहा था कि इस प्रकरण की जांच बोड़ा जैसे अयोग्य अधिकारी से करवाई गई, इसलिए ऐसे अधिकारी की जांच के आधार पर सलमान को दोषी नहीं माना जा सकता।
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