scriptSanjivani Case: संजीवनी मामला – अब जयपुर, जोधपुर और उदयपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में चलेगी ट्रायल | Sanjeevani case, now trial will be conducted in Chief Judicial Magistrate Court of Jaipur, Jodhpur and Udaipur | Patrika News
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Sanjivani Case: संजीवनी मामला – अब जयपुर, जोधपुर और उदयपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में चलेगी ट्रायल

Sanjivani Case: संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी प्रकरण: हाईकोर्ट ने जिलों के समूह बनाकर मामलों की ट्रायल कराने के दिए निर्देश

जोधपुरSep 10, 2024 / 09:30 am

Rakesh Mishra

Rajasthan High Court
Sanjivani Case: राजस्थान हाईकोर्ट ने संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के सीएमडी विक्रम सिंह इंद्रोई के खिलाफ राज्यभर में दर्ज 259 मामलों की संयु€त ट्रायल कराने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि एक जैसे कारणों से जुड़े मामलों की समीपवर्ती जिलों या शहरों के समूह बनाकर ट्रायल एक बड़े और सुविधाजनक स्थान पर कराई जाए।
न्यायाधीश फरजंद अली ने सभी मामलों की संयु€त ट्रायल की मांग को लेकर सीएमडी विक्रम सिंह इंद्रोई की ओर से दायर याचिका पर 53 पेज का फैसला सुनाया। इसमें कहा कि जो मामले न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष सुनवाई योग्य हैं, उन्हें समीपवर्ती जिलों का समूह बनाकर एक बड़े जिले में स्थानांतरित कर दिया जाए। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ राज्यभर में अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम (बड्स ए€ट) के तहत दर्ज मामलों को जोधपुर स्थित जिला और सत्र न्यायालय में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए। जांच एजेंसियां को निर्देश दिया कि यदि किसी मामले में चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है, तो अब अधिकृत की गई तीन अदालतों में ही पेश की जाए।

…तो ट्रायल 50 साल तक पूरी नहीं

राजस्थान हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि अलग-अलग अदालतों में तो ट्रायल पूरी होने में 50 साल लगेंगे, जबकि इंसान की औसत आयु 70 से 80 वर्ष होती है। याचिकाकर्ता 45 साल का है और 5 साल से जेल में है। ऐसे में एक संवैधानिक अदालत आरोपी को इस तरह जेल में मरने के लिए नहीं छोड़ सकती। कोर्ट में 220 कार्यदिवस होते हैं और याचिकाकर्ता के खिलाफ लंबित मामलों की संख्या 250 से अधिक है। हर एफआईआर के लिए आरोपी को एक थाने से दूसरे में या एक जेल से दूसरी में शिफ्ट करके सुनवाई अलग-अलग की जाए तो पीड़ित और आरोपी दोनों यह महसूस नहीं करेंगे कि उन्हें न्याय मिला है।

ऐसे रहेगा सुनवाई का क्षेत्राधिकार

जयपुर सीजेएम: जयपुर, कोटा, अजमेर, सीकर, झुंझुंनू तथा भरतपुर जिलों में दर्ज मामलों को ट्रायल के लिए सीजेएम, जयपुर को भेजने के निर्देश।
जोधपुर सीजेएम: श्रीगंगानगर जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, सिरोही, नागौर व जैसलमेर में दर्ज मामले जोधपुर सीजेएम को भेजे जाएंगे।
उदयपुर सीजेएम: उदयपुर, राजसमंद तथा भीलवाड़ा में दर्ज मामलों को उदयपुर सीजेएम को भेजने के निर्देश।
ड्स ए€ट के तहत दर्ज मामले: बड्स ए€ट के तहत राज्य भर में दर्ज मामले ट्रायल के लिए जिला और सत्र न्यायाधीश, जोधपुर को भेजने के निर्देश।

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