प्रधानमंत्री कार्यालय की पहल पर पीएसए ऐसे क्लस्टर को विकसित करने पर काम रहा है। ऐसे कार्यालय बनाए जाएंगे जहां वैज्ञानिक सलाह के लिए उपलब्ध होंगे। यदि किसी उद्योग को तकनीक संबंधी समस्या आ रही है या किसी पब्लिक सेक्टर यूनिट को किसी योजना में कोई वैज्ञानिक मदद चाहिए तो वह पीएसए उपलब्ध करवाएगा। जिस शहर में कार्यालय लगाया जाएगा वहां एक सीईओ भी तैनात किया जाएगा।
– उद्योगों में तकनीक उन्नयन
– डम्पिंग वेस्ट मैनेजमेंट
– जल संरक्षण व पुन: उपयोग
– ट्रैफिक सिस्टम
– ड्रेनेज सिस्टम अब आगे क्या?
जल्द ही इन क्लस्टर के कार्यालय खोले जाएंगे। इसके लिए आइआइटी जोधपुर ने पहल की है। इसके बाद ये क्लस्टर शहरी समस्याओं से जुड़े प्रोजेक्ट लेगा। आइआइटी के साथ अन्य संस्थाएं जैसे एनएलयू, एम्स भी इसके समाधान के लिए जुड़ेंगे। इनका वैज्ञानिक तरीके से कैसे समाधान हो सकता है इस पर एडवाइजरी जारी की जाएगी।
जोधपुर आइआइटी परिसर में बीते दिनों पीएसए के वैज्ञानिकों, प्रशासनिक अधिकारियों व जोधपुर के चुनिंदा उद्यमियों की एक बैठक हुई। इसमें नॉलेज व इनोवेशन क्लस्टर के बारे में विस्तार से चर्चा हुई। पीएसए की टीम ने स्थानीय स्तर पर समस्याएं जानी और उनका समाधान कैसे हो इस पर भी जानकारी जुटाई। तीन दिन तक यह टीम जोधपुर में रही।