इससे पूर्व मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति और न्यायाधीश डॉ.पुष्पेंद्रसिंह भाटी की खंडपीठ में बार एसोसिएशन राजगढ़ की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कमेटी गठन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होने पर सुनवाई शुक्रवार तक टाल दी गई। कोर्ट ने पूर्व में राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि न्याय पालिका के परामर्श से सिविल कोर्ट, आपराधिक न्यायालय, सत्र न्यायालय, परिवार न्यायालय, श्रम न्यायालय और मोटर वाहन दुर्घटना दावा अधिकरण के लिए समान सामान्य भवन मानक विकसित किए जाएं, ताकि बिल्डिंग कोड में शामिल होने से भविष्य में सार्वजनिक निर्माण विभाग या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा न्यायालय भवनों के निर्माण में इन मानकों को ध्यान में रखा जा सके। कोर्ट ने इसके लिए हाईकोर्ट को राज्य सरकार के साथ मंथन के बाद छह सप्ताह के भीतर एक कमेटी गठित करने को कहा था। इसमें कम से कम दो इंजीनियर या आर्किटेक्ट, बार एवं जिला न्यायपालिका का एक प्रतिनिधि, डिजिटलीकरण और कम्प्यूटरीकरण के संबंध में एक इनडोर विशेषज्ञ को शामिल किया जाना है। भवन मानकों में आवश्यक रूप से दिव्यांगों के लिए प्रत्येक अपेक्षित सुविधाओं का समावेश होगा।