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जोधपुर

पाक विस्थापितों की समस्याओं को लेकर केंद्र और राज्य से जवाब मांगा

– राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को एक सप्ताह में प्रत्युत्तर देने के दिए निर्देश

जोधपुरAug 20, 2020 / 11:27 am

जय कुमार भाटी

पाक विस्थापितों की समस्याओं को लेकर केंद्र और राज्य से जवाब मांगा

पाक विस्थापितों की समस्याओं को लेकर केंद्र और राज्य से जवाब मांगा

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राशन कार्ड जारी नहीं करने सहित पाक विस्थापितों की अन्य समस्याओं को लेकर न्याय मित्र की ओर से दायर प्रार्थना पत्र पर केंद्र और राज्य सरकार को एक सप्ताह में प्रत्युत्तर देने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी।
वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा तथा न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ में स्वप्रसंज्ञान के आधार पर दर्ज जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान न्याय मित्र सज्जन सिंह राठौड़ ने कहा कि कोर्ट ने 1 सितंबर, 2017 को पारित आदेश में पाक विस्थापितों को राशन कार्ड जारी करने के निर्देश दिए थे, लेकिन इसकी पालना नहीं होने से विस्थापितों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत तीन महीने के लिए मुफ्त खाद्यान्न का लाभ नहीं मिल रहा है।
उन्होंने विस्थापितों को तत्काल राशन कार्ड जारी करने की याचना की और कहा कि यदि किसी कारण से राशन कार्ड जारी नहीं होते हैं तो इसके अभाव में भी पाक विस्थापितों को इस योजना का लाभ दिया जाए। उन्होंने विस्थापितों के भारत लौटने के लिए कोई आपत्ति नहीं मामले में भी पक्ष रखा। राठौड़ ने कहा कि इसके तहत दीर्घकालिक वीजा और अल्पकालिक वीजा पर भारत में रहने वाले पाक विस्थापित अपने बीमार रिश्तेदारों से मिलने सहित पहचान पत्रों तथा पासपोर्ट को नवीनीकृत करने के लिए पाकिस्तान गए थे, लेकिन वे कोविड-19 प्रकोप के चलते पाकिस्तान में फंसे हुए हैं। अंतराष्ट्रीय मार्ग बंद होने के कारण ऐसे विस्थापित भारत लौटने की वीजा अनुमति समाप्त होने के कारण वापस नहीं लौट पाए। उन्होंने प्रार्थना पत्र में केंद्र सरकार को पाकिस्तान में फंसे विस्थापितों को वापस भारत लाने के लिए वीजा की समयावधि बढ़ाने का निर्देश देने की मांग की।
न्याय मित्र ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के बाद बड़ी संख्या में विस्थापित भारतीय नागरिकता के पात्र हो गए हैं, लेकिन संशोधित प्रावधानों के तहत नागरिकता प्रदान करने के लिए प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है और न ही नियम अधिसूचित किए गए हैं। इसके अभाव में पात्र विस्थापित आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता करणसिंह राजपुरोहित तथा केंद्र की ओर से अधिवक्ता विपुल सिंघवी ने प्रार्थना पत्र पर प्रत्युत्तर देने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा, जिसे खंडपीठ ने स्वीकार कर लिया।
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