न्यायाधीश संदीप मेहता ने एमजीएच में मेल मेडिकल वार्ड प्रथम, द्वितीय, तृतीय, ऑर्थोपेडिक्स वार्ड, फिमेल मेडिकल, प्री ऑपरेटिव, पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड, डायलिसिस व बर्न यूनिट व चिकित्सालय की सुरंग का निरीक्षण किया। यहां उन्हें पानी गिरने व गंदगी की समस्या मिली। मथुरादास माथुर अस्पताल में ट्रोमा सेंटर, ऑब्जर्वेशन ट्रोमा, ट्रोमा आईसीयू, ऑर्थोपेडिक्स, यूरोलोजी, ईएनटी, न्यूरो सर्जरी वार्ड इत्यादि देखा। यहां उन्हें प्लास्टर उखड़े होने की समस्या दिखी। दोनों अस्पतालें में वार्ड के दीवारों में सीलन व पानी रिसने की समस्या मिली। जिसको दुरुस्त करने के लिए उन्होंने अधीक्षकों और सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को आदेश दिया। दोनों ही चिकित्सालयों में सीवरेज ब्लॉक पाए गए। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को आदेश दिया कि वे तुरंत नगर निगम आयुक्त को दुरुस्त करवाने के लिए कहे। यहां न्यायाधीश मेहता ने सफाई व सीवरेज की समस्या को सही रखने के की बात कही। अस्पतालों में काम नहीं आने वाली मशीनों के बारे में जानकारी मांगी। निरीक्षण के दौरान पीडब्ल्यूडी से ज्यादा दानदाताओं के वार्ड रखरखाव में अच्छे मिले। इस पर पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को इसी प्रकार रखरखाव करने के आदेश दिए। अस्पताल के फर्श व करीब छह फीट तक दीवारों पर विट्रीफाइड टाइल्स लगाने के लिए पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को कहा गया। वार्डों में ट्यूबलाइट की जगह एलईडी लाइटें लगाने के लिए कहा। इसकी विस्तृत रिपोर्ट उच्च न्यायालय में पेश की जाएगी। एमडीएमएच में कन्डम पड़े सामानों को तुंरत कन्डम करवाने के आदेश दिए।यहां उन्हें प्लास्टर उखड़े होने की समस्या दिखी। दोनों अस्पतालें में वार्ड के दीवारों में सीलन व पानी रिसने की समस्या मिली। जिसको दुरुस्त करने के लिए उन्होंने अधीक्षकों और सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को आदेश दिया। दोनों ही चिकित्सालयों में सीवरेज ब्लॉक पाए गए।