सूत्रों के अनुसार शाम 5 बजे बाद मुखबिर की सूचना पर उपजिला मजिस्ट्रेट डॉ. लक्ष्मीनारायण बुनकर के नेतृत्व में सतर्कता दल ने छापामार कार्रवाई की। इसमें खसरा नं.161 की आठ बीघा भूमि जो राजस्व रिकॉर्ड में गोचर भूमि के रूप में दर्ज है, वहां पर अवैध बजरी के ढेर लगाए हुए थे।
राजस्थान उच्च न्यायालय की ओर से बजरी पर रोक के बाद आसपास के खातेदारों ने जोजरी नदी से अवैध खनन कर गोचर भूमि में भंडारण कर लिया।और उसे चोरी छिपे डम्परों में भर कर बाहर भेज दिया जाता है। इस अवैध कारोबार में लोगों की सामूहिक भूमिका के संकेत मिले हैं। इसके साथ यहां से परिवहन के भी सतर्कता दल को साक्ष्य मिले हैं।
उपजिला मजिस्ट्रेट के निर्देश पर हल्का पटवारी ने गोचर भूमि में भंडारण की हुई बजरी की मौका जब्ती रिपोर्ट बना दी हैं। इसके साथ गोचर भूमि पर स्टॉक की गई अवैध बजरी के किसी प्रकार के परिवहन पर भी रोक लगाते हुए आसपास के खातेदारों को पांबन्द किया गया हैं। बाजार दर से इसकी कीमत अनुमानित एक करोड़ के आसपास आंकी गई हैं।
सतर्कता दल की ओर से बड़ी मात्रा में जब्त की गई अवैध बजरी की सूचना खनिज अभियंता को दी गई। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस थानाधिकारी प्रेमदान रतनू भी दल बल सहित उपस्थित थे। क्षेत्र में अवैध बजरी को लेकर अब तक कि सबसे बड़ी कार्रवाई से बजरी माफिया में हड़कंप मच गया हैं।