बाबूलाल सांखला ने बताया कि इतनी ऊंचाई के तिल तो पहली बार देखे हैं। हालांकि तिल खेत में तेडे के रूप में बोए जाते हैं। तिल के ऊपरी छोर पर लगे सफेद फूल दूर से ही सुहावने लगते हैं। तिल पर चोकोर आकार कुलियों में तिल लगते हैं जो अपने आप में अलग ही हैं। नीचे से लेकर ऊपरी छोर तक तिल लग रहे हैं। सावणी साख में बाजरी ग्वार के साथ ही तेड़ा में मूंग, मोठ व तिल की बुवाई करते हैं जिसे आम बोलचाल की भाषा में तेड़ा कहा जाता हैं।
इन्होंने कहा
प्रताप नामक किस्म के तिल की ऊंचाई ज्यादा होती हैं और ये ज्यादा बढ़ते हैं। इनकी खासियत यह हैं कि तिल चोकोर आकार की कुलियों के रूप में लगते हैं। रामदेव पूनिया, कृषि पर्यवेक्षक नांदिया खुर्द।
प्रताप नामक किस्म के तिल की ऊंचाई ज्यादा होती हैं और ये ज्यादा बढ़ते हैं। इनकी खासियत यह हैं कि तिल चोकोर आकार की कुलियों के रूप में लगते हैं। रामदेव पूनिया, कृषि पर्यवेक्षक नांदिया खुर्द।