जोधपुर

प्रदेश में प्रति माह करीब 5 व जोधपुर में 2 हजार कंटेनर्स की कमी, निर्यात हो रहा प्रभावित

– देश में निर्यात के लिए कंटेनरों की कमी
– इपीसीएच ने रेलवे, वाणिज्य व नौवहन मंत्रालयों के समक्ष कंटेनरों की उपलब्धता की कमी का मुद्दा उठाया

जोधपुरAug 01, 2020 / 07:50 pm

Om Prakash Tailor

प्रदेश में प्रति माह करीब 5 व जोधपुर में 2 हजार कंटेनर्स की कमी, निर्यात हो रहा प्रभावित

जोधपुर. देश में लॉकडाउन के बाद लागू हुए अनलॉक में हस्तशिल्प निर्यात के लिए काम में आने वाले कंटनेर्स की उपलब्धता नहीं होने से व्यवसाय पर असर पड़ रहा है। हस्तशिल्प सहित विभिन्न उद्योगों के उत्पादों के निर्यात में कंटेनर्स की उपलब्धता की कमी प्रदेश में भी है। प्रदेश में जहां प्रतिमाह 5 हजार वहीं जोधपुर में प्रतिमाह 2 हजार कंटेनर्स की कमी बताई जा रही है। जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष महावीर बागेरचा ने बताया कि निर्यातकों का तैयार माल फैक्ट्रियों में पड़ा है, माल समय पर निर्यात नहीं हो पाता और निर्यातकों को ऑर्डर केन्सिल होने व पेनल्टी का खतरा सता रहा है।

इपीसीएच ने उठाया मामला

एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फोर हैण्डीक्राफ्ट (इपीसीएच) ने इस ज्वलंत मुद्दे को रेलवे, वाणिज्य व नौवहन मंत्रालय के समक्ष उठाया है। इपीसीएच ने निर्यात के लिए कंटेनरों की उपलब्धता की कमी की समस्या पर रेलवे, वाणिज्य और जहाजरानी मंत्रियों का ध्यान आकर्षित किया और कहा कि वर्तमान कोविड संकट के परिणामस्वरूप हस्तशिल्प के निर्यात में करीब 67 प्रतिशत गिरावट आई है। मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही के दौरान और अनलॉक-1 और अनलॉक-2 के तहत सरकार की छूट के बाद कुछ व्यावसायिक गतिविधि फि र से शुरू हुई है और निर्यात होने लगे है।
हस्तक्षेप का किया है अनुरोध

सभी संबंधित मंत्रालयों से इस मामले को तत्काल देखने व हस्तक्षेप का अनुरोध किया है, तांकि देश से निर्यात बिना किसी बाधा के जारी रह सके। इससे निर्यात खेपों के लदान में मदद मिलेगी और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
राकेशकुमार, डायरेक्टर जनरल इपीसीएच

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