शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बंगाली समाज की ओर से आयोजित पांच दिवसीय दुर्गापूजन महोत्सव का समापन शनिवार को मूर्ति विसर्जन और सिंदूर खेला की रस्म से किया गया।
दुर्गा बाड़ी में आयोजित ७५ वें दुर्गापूजन महोत्सव का समापन शनिवार शाम को विजय सम्मेलन से किया गया।
दुर्गाबाड़ी परिसर में शंख ध्वनि और उलूक स्वरों के बीच सुबह विजयदशमी पूजन किया गया।
दर्पण विसर्जन व प्रतिमा वरण के बाद सुहागिन महिलाओं ने सिंदूर खेलाÓ की रस्म के दौरान मां दुर्गा प्रतिमा के समक्ष एक दूजे को सिंदूर लगाकर शुभो बिजया Ó कहकर बधाई दी।
बंगाली समाज के लोगों ने मां दुर्गा प्रतिमा के चरणों में मिष्ठान चढ़ाया और शंख ध्वनि के बीच मां दुर्गा को विसर्जन के लिए विदा किया।
गाजे-बाजे के साथ मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया गया। समिति के मिलन सेन गुप्ता ने बताया कि दुर्गाबाड़ी परिसर में २० गुणा १२ फीट आकार का अस्थाई कुण्ड निर्माण कर पानी के टैंकरों से जल भरा गया और उस जलकुण्ड में मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया गया।
गाजे-बाजे के साथ मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया गया। समिति के मिलन सेन गुप्ता ने बताया कि दुर्गाबाड़ी परिसर में २० गुणा १२ फीट आकार का अस्थाई कुण्ड निर्माण कर पानी के टैंकरों से जल भरा गया और उस जलकुण्ड में मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया गया।
गाजे-बाजे के साथ मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया गया। समिति के मिलन सेन गुप्ता ने बताया कि दुर्गाबाड़ी परिसर में २० गुणा १२ फीट आकार का अस्थाई कुण्ड निर्माण कर पानी के टैंकरों से जल भरा गया और उस जलकुण्ड में मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया गया।
दुर्गा बाड़ी में आयोजित ७५ वें दुर्गापूजन महोत्सव का समापन शनिवार शाम को विजय सम्मेलन से किया गया।