सर्पदंश के सबसे अधिक मामले जुलाई से सितम्बर के बीच ही आते हैं। बारिश के कारण पानी सांप के बिलों में घुस जाता है। चूहों की तलाश में सांप घरों में घुस जाते हैं और लोग उनका शिकार बन जाते हैं। सर्पदंश के बाद एंटी स्नेक वैनम इंजेक्शन लगाए जाते हैं। सर्पदंश के एक घंटे के अंदर एंटी स्नैक वेनम इंजेक्शन लगना जरूरी माना जाता है। बारिश के साथ जोधपुर में मौसमी बीमारियों का भी खतरा बढ़ चुका है। विशेषकर मलेरिया, चिकनगुनिया व डेंगू रोगों में वृद्धि की संभावना है।
शहर के अस्पतालों को 1 हजार से अधिक एंटी स्नैक वैनम हुए इश्यूशहर के सरकारी सरकारी अस्पतालों के रिकॉर्ड देखे तो 1 हजार से अधिक एंटी स्नैक वैनम इंजेक्शन इन दिनों इश्यू हुए हैं। उम्मेद अस्पताल को 250, महात्मा गांधी अस्पताल को सर्वाधिक 555 और एमडीएम अस्पताल को 388 एएसवी इश्यू किए गए हैं।
सीधे लाए अस्पताल इन दिनों खूब सर्पदंश के मामले आ रहे है। कई रोगी अस्पताल भर्ती हो रहे हैं। घटना होते ही तुरंत रोगी को अस्पताल लाया जाना चाहिए। इसके अलावा किसी प्रकार के अन्य जतन नहीं करने चाहिए।- डॉ. नवीन किशोरिया, सीनियर प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग, डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज
एएसवी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध एंटी स्नैक वैनम हमारे पास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। कहीं पर भी कोई शॉर्टेज नहीं है।- डॉ. राकेश पासी, प्रभारी अधिकारी, ड्रग वेअर हाउस।