दोनों व्यवस्थापक के पकड़ में आने व जांच के बाद पांच दिन में गिरफ्तारी के आश्वासन पर गुरुवार देर शाम सहमति बनी और परिजन व ग्रामीणों ने शव उठाया। पुलिस के अनुसार सोलंकिया तला निवासी मृतक सरपंच की पत्नी समुकंवर की तरफ से पीहर पक्ष ने पुलिस को लिखित शिकायत पेश की।
महिला की तरफ से आरोप है कि आत्महत्या से एक दिन पहले सरपंच ने पत्नी से परेशानी का जिक्र किया था। उसने पत्नी से कहा था कि विधायक पति ने शेरगढ़ विकास अधिकारी पर फोन कर दबाव डाला कि व्यवस्थापक भोमसिंह पुत्र भंवरसिंह व खेतसिंह पुत्र गणपतसिंह ही सोलंकिया तला पंचायत के सभी कार्य करेंगे। सरपंच का कोई लेना-देना नहीं होगा। जबकि भोमसिंह व खेतसिंह कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी में व्यवस्थापक हैं। विधायक पति से राजस्थान पत्रिका ने बात करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
सरपंच ने पत्नी से यह भी कहा था कि ग्राम सेवक महावीर प्रसाद व पूर्व ग्राम सेवक का पति रावलसिंह ने उसके साथ बड़ा धोखा कर फर्जी हस्ताक्षर कर लाखों रुपए का गबन किया है। वो उसे फंसाना चाहते हैं। थानाधिकारी भवानीसिंह का कहना है कि मृतक की पत्नी के नाम से पीहर पक्ष ने परिवाद पेश किया है। जिसे शामिल पत्रावली कर जांच की जाएगी।
रात को खाना तक नहीं खाया, बार-बार साजिश की चिंता
आत्महत्या से पहले वाली रात सरपंच गोपालसिंह काफी तनाव में थे। इस कारण उन्होंने खाना तक नहीं खाया था। वो पत्नी से बार-बार यही कहते रहे कि आरोपियों ने मिलकर फंसाने के लिए साजिश रची है। जिससे वह आहत है। दूसरे दिन यानि बुधवार सुबह बच्चों को स्कूल रवाना करने के बाद महिला बाहर के काम कर कमरे में आई तो सरपंच पति फंदे पर लटके हुए थे।
सात दिन से लिख रहा था सुसाइड नोट
परिजन का कहना है कि ग्राम पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार से सरपंच गोपालसिंह खासा परेशान था। पेज पर लिखी तारीखों के अनुसार वह गत 17 जुलाई से सुसाइड नोट लिख रहा था। उपखण्ड अधिकारी, विकास अधिकारी, पुलिस अधिकारी और पूर्व मंत्री सहित कई लोगों के नाम शिकायती पत्र में लिखे हैं, लेकिन यह पत्र किसी अधिकारी को दिए नहीं थे। कनिष्ठ लिपिक आसु कंवर के पास कुछ दिन पहले ग्राम विकास अधिकारी का चार्ज था। पति रावलसिंह यह काम-काज देखता था। सरपंच के बीमार होने के कारण सभी कार्य भी रावलसिंह के जिम्मे था। आरोप है कि फर्जी तरीके से कई कार्य स्वीकृत कर भुगतान उठाया गया था। ग्राम विकास अधिकारी खाली चेक साइन कराने, फर्जी सीलें बनवाने और भुगतान उठाते थे। दोनों व्यवस्थापक भी प्रताडि़त करने में शामिल होने के आरोप लगाए गए हैं।