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सूर्य की तपिश ने किया निहाल

locationडिंडोरीPublished: May 01, 2017 01:30:00 am

Submitted by:

pawan pareek

एक साल में तीन सौ से अधिक दिन सूर्य की रोशनी की नियामत पाने वाले मारवाड़ में सबसे ज्यादा सौर बिजली का भंडार है। लोग अब अपने घरों-दुकानों और कुंओं पर सोलर प्लेटें लगाकर बिजली के मामले में आत्मनिर्भर होने लगे है।

Solar Panel in Bilara

Solar Panel in Bilara

एक साल में तीन सौ से अधिक दिन सूर्य की रोशनी की नियामत पाने वाले मारवाड़ में सबसे ज्यादा सौर बिजली का भंडार है।

 यह नियामत किसी वरदान से कम नहीं इस तपिश से सरकार ने भले ही जगह-जगह सोलर हब स्थापित किए हो लेकिन गांवों कस्बों के लोगों ने भी तपिश की इस नेमत का महत्व जान लिया है।

अब अपने घरों-दुकानों और कुंओं पर सोलर प्लेटें लगाकर बिजली के मामले में आत्मनिर्भर होने लगे है। इस पद्धति का जहां सरकारी प्रतिष्ठानों में उपयोग होने लगा है, वहीं निजी दुकानों एवं घरों पर भी उपकरण लगाकर लाभ लिया जाने लगा है।
मिलने लगी 24 घंटे बिजली

तहसील के सामने फोटो स्टेट एवं कम्प्यूटर जॉब करने वाला ओमप्रकाश पटेल का कहना है कि विद्युत कटौती से वह और उसके ग्राहक परेशान रहते थे, इस बीच उसने अपनी दुकान की छत पर दो केवी की तथा घर पर डेढ़ के.वी. सोलर प्लेटें लगवाई और वह चौबीसों घंटे अबाधित रूप से बिजली पाने लगा। कभी सोलर बिजली न मिले तो घरेलू कनेक्शन का उपयोग कर लेता हूं।
एक लाख का खर्च आता है

सोलर पैनल लगाने पर एक ही बार में एक लाख रुपए की राशि के खर्च के बाद वर्षों तक विद्युत मामले में आत्मनिर्भर बना जा सकता है। 
बिजली के बिल में भी डिस्कॉम 10 प्रतिशत का अनुदान देता है। सोलर पैनल के साथ खरीदे जाने वाले प्रत्येक उपकरण को राज्य सरकार ने टैक्स मुक्त रखा है।

इनका कहना है

जोधपुर विद्युत वितरण निगम द्वारा सोलर पद्धति से अपने प्रतिष्ठान चलाने वाले दुकानदारों एवं घर मालिकों को विद्युत बिल में विशेष छूट दी जा रही है।
– रमेश मेघवाल, सहायक अभियंता, विद्युत वितरण निगम बिलाड़ा। 

 फैक्ट फाइल

यहां लगे है सोलर उपकरण

-25 अटल सेवा केन्द्रों पर

– 22 निजी प्रतिष्ठानों पर

– 165 घरों पर लगे है

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