थानाधिकारी लेखराज सियाग के अनुसार किशोर के पिता, रामद्वारा गली के अंदर निवासी दीपक सोनी ने सुभाष चौक निवासी रूपम सोनी, शिव मंदिर के पास निवासी चन्द्रप्रकाश गहलोत व आमली का बास निवासी ज्वेलर भरत सोनी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
आरोप है कि दीपक का नाबालिग पुत्र की वर्ष 2013-14 में ट्यूशन पर रूपम से दोस्ती हुई। ट्यूशन बंद होने के बाद गत वर्ष अप्रेल में फिर रूपम से सम्पर्क हुआ तो वो उसे रेस्टोरेंट व अन्य जगह घुमाने ले जाने लगा। उसने किशोर से कहा कि जिन्दगी में मौज करना है तो पास में कीमती मोबाइल रखो। किशोर ने अक्षमता जताई तो रूपम ने उसे एप्पल का सैकण्ड हैण्ड मोबाइल दे दिया। किशोर ने उसमें अपने नाम की सिम डाल दी। इसके बाद रूपम ने किशोर की मुलाकात कुछ लड़कियों से करा दी।
कुछ दिन बाद रूपम ने मोबाइल के रुपए मांगे तो किशोर ने रुपए होने से मना करते हुए मोबाइल लौटाने की बात की। लेकिन दोस्त ने रुपए देने या घर से कीमती वस्तु लाकर देने का दबाव डाला। धमकियों से डरे किशोर ने मां का लोहे के बक्से से 160 ग्राम चांदी की चार गिलास और 80 ग्राम आठ सिक्के निकाल रूपम को दे दिए।
इसके बाद दोस्त ने होटल व घूमने फिरने में खर्च राशि चुकाने के लिए किशोर पर घर से सोने के जेवर लाने को कहा। किशोर ने घर से सोने के लूंग, फीणियां और सोने की अंगूठी चुराकर दोस्त को सौंप दी। इस दौरान चन्द्रप्रकाश भी आ गया और दोनों उसे ब्लैकमेल करने लगे। दोनों के दबाव में किशोर ने डेढ़ साल में मां के 526 ग्राम सोने के आभूषण चुराकर रूपम को दे दिए।
औने-पौने दामों में ज्वैलर को बेचे
किशोर के पिता का आरोप है कि किशोर ने रूपम को जो आभूषण दिए वो उसने ज्वैलर भरत सोनी को औने-पौने दाम पर बेच दिए। इनमें से कभी कभार दो-तीन हजार रुपए किशोर को भी दे देता था।
डरा-सहमा किशोर ज्वेलरी डिजाइन सीखने मुम्बई गया
इस ब्लैकमेलिंग से किशोर गुमसुम रहने लगा। पिता ने पूछा तो उसने जवाब नहीं दिया। पिता ने उसे मामा के पास रहने भेजा, लेकिन वहां भी कोई बदलाव नहीं आया। दोस्तों से दूर जाने के लिए उसने ज्वेलरी डिजाइन कोर्स करने की इच्छा जताई तो पिता ने उसे मुम्बई भेज दिया। वहां से लौटते ही वो युवक किशोर को ब्लैकमेल करने लगे।
चाकू से धमका रुपए साइन कराए
मुम्बई से लौटने पर चन्द्रप्रकाश ने किशोर को आनंद सिनेमा के पास गली में बुलाया और चाकू दिखा रुपए बकाया होना बताकर कागज पर जबरन हस्ताक्षर करा लिए। इनसे छुटकारा पाने के लिए किशोर ने अपने एक दोस्त से बात की, लेकिन आरोपियों ने अपने खिलाफ कोई सबूत न होने का कहकर टाल दिया।
पति-पत्नी में मतभेद, देरी से सामने आई बात
किशोर के माता-पिता में वैचारिक मतभेद के चलते अनबन रहती है। किशोर के गुमसुम रहने के कारण पिता ने सोचा कि माता-पिता में मतभेद की वजह से वह उदास रहता है। लेकिन उसे विश्वास में लेकर पूछा तो उसने पूरी बात बता दी।