बेटे की चिता की अग्नि ठंडी नहीं पड़ी कि मां चल बसी
पहले कोरोना ग्रसित पुत्र और फिर सदमे से मां की मौत
फतेहपोल लल्ला कोटड़ी क्षेत्र में रामदेव परिवार पर टूटा दो दुखों का पहाड़
बेटे की चिता की अग्नि ठंडी नहीं पड़ी कि मां चल बसी
जोधपुर. भीतरी शहर के फतेहपोल लल्ला कोटड़ी क्षेत्र में रहने वाले एक परिवार पर कोरोना का कहर सोमवार को पहाड़ बनकर टूट पड़ा। आइटीआइ में गु्रप इंस्टेक्टर रमेश चंद्र रामदेव (55) की सोमवार अलसुबह 5 बजे एम्स जोधपुर में मौत हो गई। उनके अंतिम संस्कार होने करने के बाद परिजन घर आए तो दिवंगत रमेशचंद्र की माता सुशीला रामदेव ( 82) की दोपहर 12:30 बजे मौत हो गई। पुत्र की चिता की अग्नि ठंडी नहीं पडऩे से पहले मां की मौत ने सोमवार को पूरे क्षेत्र और पुष्करणा ब्राह्मण समाज में शोक की लहर ला दी। इस हृदय विदारक घटना के बाद हरेक का मन रोता नजर आया।
परिजनों के अनुसार तीन सप्ताह पहले सांस में तकलीफ होने की समस्या को लेकर रमेशचंद्र को एम्स भर्ती कराया गया था। वहां जांच में उनका सीटी स्कोर 18 बताया गया। रमेश चंद्र डायबिटीज व ब्लड प्रेशर से पीडि़त थे। गत दो दिनों में वे कोरोना व अन्य बीमारी से काफी सही हो गए थे। इस बीच अस्पताल में आए अचानक कार्डियक अरेस्ट से उनका निधन हो गया। उनके निधन के समाचार से मां सुशीला भी सदमे में आ गई और कुछ घंटों बाद मां ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया।