——— पौष्टिकता का खजाना क्विनोवा में कार्बोहाइड्रेट, उच्च गुणवत्तायुक्त प्रोटीन, वसा, विटामिन, आयरन , खनिज और रेशा अच्छी मात्रा में उपलब्ध है। क्विनोवा के 100 ग्राम दानों में 14 से 18 ग्राम उच्च गुणवत्तायुक्त प्रोटीन (44-77 प्रतिशत एल्ब्यूमिन व ग्लोब्यूलिन) पाई जाती है। जबकि गेंहू और चावल में प्रोटीन की मात्रा क्रमश: 14 व 7.5 प्रतिशत के आसपास होती है। अधिकतर अनाजों में लाइसीन प्रोटीन की कमी होती है जबकि क्विनोवा के दाने में पर्याप्त मात्रा में लाइसीन पाया जाता है। क्विनोवा के 100 ग्राम पके दानों से 120 कैलोरी मिलती है । इस कैलोरी में सिर्फ 2 प्रतिशत वसा, 7 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 8 प्रतिशत प्रोटीन व लोहा, 11 प्रतिशत रेशा, 16 प्रतिशत मैग्नीशियम तथा 4 प्रतिशत पोटेशियम मिलता है। इसके अलावा बीटा कैरोटिन व नियासिन (बी-३), राइबोफ्लेविन (बी-२), विटामिन ई (अल्फा टोको फिरोल ) और कैरोटिन पाया जाता है।
—- कम पानी के लिए वरदान है यह फसल – यह रबी की फसल। अक्टूबर-नवम्बर में बुवाई, मार्च-अप्रेल में कटाई। – पश्चिमी राजस्थान-बारानी अवस्था में सफलतापूर्वक उगाई जाती है। – 135 दिनों में फसल पककर तैयार होती है।
– 18-24 सेंटीग्रेड तापमान बीज अंकुरण के लिए उपयुक्त। – 40 डिग्री तापमान फसल के लिए उचित। ————– मार्केटिंग की जरूरत वर्तमान में क्विनोवा के बड़े दाने की किस्म के विकास पर रिसर्च किया जा रहा है। इस अनाज के लिए उचित मार्केटिंग की जरूरत भी है ताकि किसान अधिक से अधिक इस फसल को उगाएं। केन्द्र में इस फसल के सफल प्रयोग पर निवर्तमान राज्य सरकार ने किसानों को क्विनोवा उगाने के लिए मिनी किट का वितरण भी किया था।
डॉ. बीआर चौधरी, अनुसंधान निदेशक कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर