Staged drama ‘Raghurang’ based on the stories of Raghunandan Trivedi
जोधपुर ( jodhpur news.current news ). जिंदगी भर अपने और परिवार के गुजर बसर के लिए भागदौड़ में अपने लिए वक्त ही नहीं मिलता। पचास की उम्र यानि जिंदगी की सांझ में चंचल मन को काबू में रखना मुश्किल हो जाता है। वह अपनी जिंदगी के गड्ढे भरते-भरते खुद एक गड्ढे में तब्दील हो जाता है। यह एनएसडी पासआउट अरु व्यास के अभिनय गुरुकुल कल्चर एज्युकेशन सोसाइटी के बैनर तले शीर्ष कहानीकार रघुनंदन त्रिवेदी की कहानियों पचास की उम्र और गड्ढा पर आधारित और रजत अरोड़ा व सुधांशु मोहन निर्देशित और सोमवार को टाउन हॉल ( cultural news ) में मंचित नाटक ‘रघुरंग’ का एक अक्स है। समारोह से रंगकर्मी स्व.दलपत परिहार और कहानीकार स्व. रघुनंदन त्रिवेदी की रचनात्मक यात्रा की यादें ताजा हो आईं। इसी के साथ अभिव्यक्ति संस्था की मेजबानी में दलपत परिहार स्मृति ( play fest in memory of Dalpat Parihar ) दो दिवसीय नाट्य समारोह ( dalpat parihar drama festival ) का समापन हुआ ( latest nri news in hindi )। नाटक में दिखाया गया कि ढलती उम्र के व्यक्ति के साथ रोज एक नई समस्या खड़ी हो जाती है। जब उसे अपने लिए समय निकालना होता है तो वह लोक लाज के कारण खुद में सिमटा हुआ रहता है और बावरा-चंचल मन संभालना मुश्किल हो जाता है। इस पेशकश में राम की भूमिका दीपका ने निभाई। संदीप के रूप में ईशान ने अदाकारी की। वहीं अशोक के किरदार में प्रफुल्ल और अनिता की भूमिका में मोहनदास वैष्णव ने अदाकारी की। लाइट व सांउड की जिम्मेदारी अरु व्यास स्वाति व्यास व अरुण पुरोहित ने निभाई।