एशिया के स्टार्टअप (STARTUP) एनवायरमेंट में हमारा प्रदेश और जोधपुर कई पैमानों पर फिट बैठता है। लेकिन खास बात यह है कि पिछले लम्बे समय से यहां के स्टार्टअप को विदेशों से न तो मदद मिल रही है और न ही वहां की तकनीक हम अपना पा रहे हैं। होंगकोंग में राइज की ओर से एशिया का सबसे बड़ा स्टार्टअप मेला हर साल भरा जाता है। पहली बार राजस्थान और जोधपुर से लोगों ने इसमें हिस्सा लिया।
जोधपुर से इस अंतर्राष्ट्रीय मेले में शिरकत करने गए सुशील शर्मा ने बताया कि वहां कई लोग भारत व राजस्थान के स्टार्ट अप के बारे में जानने को इच्छुक थे। साथ ही वहां निवेश करने को भी तैयार है। इस बार राजस्थान के जयपुर व जोधपुर के स्टार्ट अप में सक्रिय लोगों ने इसमें हिस्सा लिया हैं। वहां के सिस्टम को समझा और हिंदुस्तान के अलावा आस-पास के देशों में किस प्रकार से स्टार्ट अप चल रहे हैं, इसको समझा गया है।
एंजल इंवेस्टर तैयार राजस्थान के स्टार्टअप माहौल में निवेश करने के लिए एंजल इंवेस्टर तैयार है। यहां के अब तक के स्टार्टअप सफर को जानने के बाद विदेशों के निवेशक रुचि दिखा रहे हैं। वर्तमान में हमारे प्रदेश के पास स्टार्ट अप के आइडिया तो बहुत है लेकिन एंजल इंवेस्टर की ही जरूरत है।
सरकार भी दे रही साथ पिछले कुछ सालों में केन्द्र व राज्य सरकारें भी स्टार्ट अप के लिए प्लेटफार्म तैयार करने में जुटी है। उद्योगों से बेहतर प्रोत्साहन इस प्रकार के इनोवेशन करने वालों को दिया जा रहा है।
अब अगले साल यह लक्ष्य अगले साल इस प्रकार की कॉन्फ्रेंस में जोधपुर के अन्य लोग भी हिस्सा लेंगे। साथ ही यहां की अधिक से अधिक बातों को रखा जाएगा। इस स्टार्ट अप मेले में पूरे एशिया से करीब 17 हजार लोग हिस्सा लेते हैं। जिनमें राजस्थान के महज 3-4 लोग ही थे।