प्रेम प्रकाश व्यास की कहानियों पर आयोजित कथा विमर्श कार्यक्रम में कहानीकार प्रेम प्रकाश व्यास ने प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि अच्छे साहित्य पठन अच्छे सृजन की पृष्ठभूमि बनता है। बेहतरीन कहानी वह होती है जो आपका पीछा नहीं छोड़ती।
व्यास ने अपनी दो कहानियों का पाठ किया। सृजना की विमर्श परम्परा के अनुसार सभी श्रोताओं को दोनों कहानियों की छाया प्रतियाँ उपलब्ध करवाई गई। इस दरम्यिान दशरथ सोलंकी, अरविंद, अशोक माथुर, डॉ निसार राही, डॉ फतेह सिंह भाटी, प्रमोद शाह, इश्राकुल इस्लाम माहिर, हितेश व्यास, गौतम गट्स ने चर्चा में भाग लेकर प्रश्न पूछे। साहित्यकार डॉ. हरिदास व्यास ने कहा कि वस्तुत: कथाकार प्रेमप्रकाश व्यास की दोनों कहानियां मनोवैज्ञानिक है। हम अपने अपराध का खुद ही कोई पेमेंट कर उस भर से मुक्त होना चाहते हैं। कार्यक्रम में शीन काफ निजाम, सुषमा चौहान, डॉ चांदकौर जोशी सहित कई लोगों ने शिरकत की। संचालन वरिष्ठ कथाकार हरिप्रकाश राठी ने किया।
व्यास ने अपनी दो कहानियों का पाठ किया। सृजना की विमर्श परम्परा के अनुसार सभी श्रोताओं को दोनों कहानियों की छाया प्रतियाँ उपलब्ध करवाई गई। इस दरम्यिान दशरथ सोलंकी, अरविंद, अशोक माथुर, डॉ निसार राही, डॉ फतेह सिंह भाटी, प्रमोद शाह, इश्राकुल इस्लाम माहिर, हितेश व्यास, गौतम गट्स ने चर्चा में भाग लेकर प्रश्न पूछे। साहित्यकार डॉ. हरिदास व्यास ने कहा कि वस्तुत: कथाकार प्रेमप्रकाश व्यास की दोनों कहानियां मनोवैज्ञानिक है। हम अपने अपराध का खुद ही कोई पेमेंट कर उस भर से मुक्त होना चाहते हैं। कार्यक्रम में शीन काफ निजाम, सुषमा चौहान, डॉ चांदकौर जोशी सहित कई लोगों ने शिरकत की। संचालन वरिष्ठ कथाकार हरिप्रकाश राठी ने किया।