जब घर में गैस कनेक्शन नहीं थे तो चूल्हे पर ही खाना बनता था। ठंडी हुई चूल्हे की राख मंजन बनाने से लेकर बर्तन मांजने तक कई तरह काम आती थी। आधुनिक दौर पर आज की शहरी पीढ़ी ने न तो चूल्हे देखे होंगे और न ही राख, लेकिन अतीत बनी चूल्हे की राख फिर लौटकर आई है। राख से वापस रू-ब-रू करवा रही है डिजिटल मार्केट या ई-कॉमर्स कंपनियां। इन कम्पनियों ने काम न आने पर घरों से बाहर फेंक दी जाने वाली या फिर पूरे मोहल्ले में नि:शुल्क बंटने वाली राख की ऑनलाइन बिक्री शुरू कर दी है। अंग्रेजी में इसे प्रचारित भी बर्तन मांजने वाली राख के रूप में किया जा रहा है।
ई-कॉमर्स कंपनियों ने इस दिनों अपने डिजिटल प्लेटफार्म पर इसको काफी प्रचारित किया है। राख को वुडन एश और ऑर्गेनिक वुडन ऐश के नाम से बेचा जा रहा है। कभी घरों में प्रतिदिन चूल्हे से निकलने वाली राख खरीदने के लिए लोगों को 200 से 400 रुपए तक चुकाने पड़ रहे हैं। जिस चूल्हा कल्चर व राख से हम दूर हुए, उसी को अब फिर से खरीदा जा रहा है। खास बात यह है कि इसके लिए लोग रुझान भी दिखा रहे हैं।
मार्केटिंग फंडा
मार्केटिंग फंडा
इसी राख को अलग-अलग प्रकार का उपयोग बताकर अलग-अलग दरों पर बेचा जा रहा है। बर्तन साफ करने के लिए जो राख ऑनलाइन मिल रही है उसके दाम सामान्य राख से ज्यादा है। साथ ही ऑर्गेनिक राख के दाम इन सभी श्रेणियों से अधिक है।
पूजन सामग्री पहले ही ऑनलाइन
पूजन सामग्री पहले ही ऑनलाइन
इसके अलावा पूजन सामग्री की वस्तुएं पहले ही ऑनलाइन हो चुकी है। हवन में काम आने वाले गोबर के उपले, लकडिय़ां जो समिधा के लिए काम आती है और साथ ही रेत तक ऑनलाइन ऑर्डर पर मिल रही है।