scriptVIDEO : इन कारणों के चलते दिनोंदिन घट रहा सरकारी स्कलों में नामांकन, जोधपुर की रैंकिंग भी गिरी | student nomination is falling in government schools | Patrika News

VIDEO : इन कारणों के चलते दिनोंदिन घट रहा सरकारी स्कलों में नामांकन, जोधपुर की रैंकिंग भी गिरी

locationजोधपुरPublished: Feb 04, 2018 11:33:21 am

Submitted by:

Abhishek Bissa

जयपुर ३१वें पायदान पर और चितौडग़ढ़ को मिला पहला स्थान
 

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जोधपुर . प्रारंभिक शिक्षा विभाग की स्कूलों की स्थिति तो खराब है ही, साथ ही गत वर्ष के मुकाबले इस साल ३ हजार ७ सौ ५६ विद्यार्थी भी कम हो गए। जबकि शिक्षा विभाग को बाकायदा टारगेट दिया गया था। उसके बावजूद प्रदेश के शिक्षा विभाग के कार्यालय व राजकीय स्कूलें राज्य सरकार की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाई। हालांकि नामांकन नहीं बढऩे की बड़ी वजह राजकीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में सुविधा और संसाधनों का टोटा भी है। अधिकारियों का कहना हैं कि प्रारंभिक शिक्षा विभाग की स्कूलों का माध्यमिक शिक्षा विभाग की स्कूलों में एकीकरण भी एक वजह है।

एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार जोधपुर जिला नामांकन के मामले में ३३ जिलों में से २६वीं रैंक पर आया है। दूसरी ओर प्रतापगढ़ जिला भी हमारे बराबर २६वीं रैंक पर रहा है। प्रदेश की राजधानी जयपुर रैंक के मामले में ३१वें पायदान पर है। पहले नंबर पर चितौडग़ढ़ जिले ने फतेह हासिल की है। जोधपुर में इस साल पिछले वर्ष के मुकाबले २५०७ विद्यार्थी घटे हैं।
शिक्षक भी पूरे नहीं

प्रारंभिक शिक्षा विभाग की राजकीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक भी पूरे नहीं है। कहीं जगह तो एकल अध्यापक है। कई स्कूलों में अप्रशिक्षित शिक्षकों के भरोसे व्यवस्था है। एेसे में सरकारी स्कूल महज नाम के रह गए हैं। जबकि कई अभिभावक अपने बच्चे का भविष्य बनाने के लिए उन्हें निजी स्कूल पढ़ाते हंै। ज्यादात्तर अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में नहीं भेजना चाहते हैं, क्योंकि यहां ढर्रा बिगड़ा हुआ है। यहां व्यवस्थाएं सुधर जाए तो अभिभावकों को अपने बच्चों को महंगी फीस देकर निजी स्कूलों में नहीं पढ़ाना पड़ेगा। साथ ही निजी स्कूलों की मनोपोली भी खत्म हो जाएगी।
मर्ज होना भी वजह ?


शिक्षा विभाग की प्रारंभिक स्कूलों में हालत बेकार हो गई है। कई राजकीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में शून्य व ३० के भीतर नामांकन था। जिन्हें राज्य सरकार ने नजदीक की राजकीय स्कूलों में मर्ज कर दिया। इनमें ज्यादात्तर स्कूल माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में मर्ज हो गर्इं। अधिकारी यह कहकर भी बचाव कर रहे है कि उनकी कई स्कूलें माध्यमिक सेटअप में शिफ्ट हो गई हंै। कुल मिलाकर सरकारी स्कूलें अभी तक आम व जागरूक अभिभावकों का मन जीतने में नाकामयाब है।
इनका कहना है

हमारी तरफ से पूरा प्रयास किया गया था। सभी का टारगेट भी दिया गया था।


– श्यामप्रकाश वाजपेयी, एडीईओ, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक प्रथम कार्यालय

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