scriptstudent was suspicious after receiving letter in presence of police | Fake FIR by Girl : पुलिस की मौजूदगी में पत्र मिलने से छात्रा पर हो गया था संदेह | Patrika News

Fake FIR by Girl : पुलिस की मौजूदगी में पत्र मिलने से छात्रा पर हो गया था संदेह

locationजोधपुरPublished: Oct 12, 2022 12:08:41 am

Submitted by:

Vikas Choudhary

- सहपाठी छात्र पर छेड़छाड़ और धमकियों के झूठे आरोप लगाने का मामला
- खुद की गलती से खुल गई छात्रा की पोल

Fake FIR by Girl : पुलिस की मौजूदगी में पत्र मिलने से छात्रा पर हो गया था संदेह
Fake FIR by Girl : पुलिस की मौजूदगी में पत्र मिलने से छात्रा पर हो गया था संदेह
जोधपुर।
सहपाठी छात्र (Classmate student trapped in fake molestation FIR) को फंसाने के लिए धमकी भरे पत्र लिख अपने ही बैग और घर में डालने के मामले में पुलिस को नाबालिग छात्रा (Minor girl student did conspiracy of fake molestation FIR) पर काफी पहले ही अंदेशा हो गया था, लेकिन पोक्सो मामले की पीडि़ता होने से पुलिस ठोस साक्ष्य जुटाने में लग गई थी। सहपाठी को गिरफ्तार कर रिमाण्ड लेने के बावजूद धमकी भरे पत्र मिलना बंद नहीं हुए तो पुलिस का संदेह और गहराने लग गया था। कॉपी व धमकी भरे लैटर की जांच करने पर हैण्डराइटिंग मिलान होने से छात्रा की भूमिका स्पष्ट हो गई थी। पुलिस के खुलासे से छात्रा के पिता व अन्य परिजन के पैरों तले जमीन खिसक गई थी और आंखों से आंसू निकल आए थे।
थानाधिकारी घर में, पुलिस बाहर, फिर भी मिला था लैटर
पुलिस ने गत सात अक्टूबर को सहपाठी छात्र को गिरफ्तार किया था। उसे पांच दिन के रिमाण्ड लिया गया। जांच करने पुलिस छात्रा के घर पहुंची थी। थानाधिकारी जोगेन्द्रसिंह व परिजन बात कर रहे थे। पुलिस के कुछ जवान अंदर व कुछ बाहर खड़े थे। इतने में प्रथम मंजिल पर धमकी भरा पत्र मिल गया था। पुलिस ने आस-पास तलाश की, लेकिन कोई नहीं मिला। इससे छात्रा पर संदेह और पुख्ता हो गया था।
सहपाठी शुरू से कर रहा था इनकार
छात्रा व परिजन की शिकायत पर स्कूल प्रशासन ने सहपाठी छात्र को स्कूल से निकाल दिया था। उसे शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर पाबंद कराया गया था। फिर छात्रा ने छेड़छाड़, डराने व धमकाने और पोक्सो की धाराओं में मामला दर्ज करा दिया। इसका पता लगा तो सहपाठी छात्र ने यू-ट्यूब पर वीडियो जारी कर खुद को निर्दोष बताया था। स्कूल प्रशासन के समक्ष भी उसने खुद की भूमिका होने से इनकार किया था।
वरना दोनों को निर्दोष साबित करने में होती कठिनाई
सहपाठी छात्र की गिरफ्तारी के बावजूद धमकी भरे पत्र मिलना बंद न होने और कॉपी व लैटर की हैण्ड राइटिंग का मिलान करने से छात्रा की पोल खुल गई थी। गिरफ्तारी के बाद यदि छात्रा धमकी भरे पत्र नहीं डालती तो पुलिस तह तक नहीं जा पाती। ऐसे में सहपाठी व उसके मित्र को कोर्ट में खुद को निर्दोष साबित करना और कठिन हो जाता।
रिहाई पर सुनवाई टली
पुलिस ने दोनों युवकों की रिहाई के लिए सीआरपीसी की धारा 169 के तहत पोक्सो कोर्ट में सोमवार को आवेदन किया था। इस पर मंगलवार को सुनवाई हुई, लेकिन कोई निर्णय नहीं हुआ। रिमाण्ड अवधि समाप्त होने पर पुलिस सहपाठी छात्र को बुधवार को कोर्ट में पेश करेगी।
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